पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने अपने अंदाज में राज्य सरकार को आगाह किया है। उन्होंने फेसबुक पर लिखा कि ‘रहिमन धागा प्रेम का मत तोड़ो चटकाय, टूटे से फिर ना जुड़े, जुड़े गाठ बन जाय’।
साथ ही राज्य में असामाजिक तत्वों के सत्यापन के लिए एक मुहिम चलाई जाएगी, ताकि माहौल खराब न हो। मुख्यमंत्री के इस बयान के बाद तमाम लोग अपने-अपने ढंग से व्याख्या कर रहे हैं। पूर्व सीएम हरीश रावत ने भी इस पर टिप्पणी की है।
इसका भी ध्यान रखा जाना चाहिए। उत्तराखंड छोटा राज्य है। यदि सहिष्णुता का मिजाज बिगड़ गया तो हमारी आजीविका पर विशेष तौर पर पर्यटन से जुड़ी हुई आजीविका पर दूरगामी कुअसर पड़ेगा। हमें प्रत्येक स्थिति में परस्पर सौहार्द बनाए रखना है।हरीश रावत ने चारधाम यात्रा शुरू होने से पहले कोरोना की चौथी लहर की दस्तक पर चिंता जताई है। उन्होंने सरकार से अभी से जरूरी सावधानियां बरतने की अपील की है। उन्होंने कहा कि यात्रा सीजन में यात्रियों की संख्या अचानक बढ़ेगी।
सहिष्णुता का मिजाज बिगड़ गया तो हमारी आजीविका पर विशेष तौर पर पर्यटन से जुड़ी हुई आजीविका पर दूरगामी कुअसर पड़ेगा। हमें प्रत्येक स्थिति में परस्पर सौहार्द बनाए रखना है।