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*औरैया, स्वालंबन शिविर में होगा शिकायतों का निस्तारण*

*औरैया, स्वालंबन शिविर में होगा शिकायतों का निस्तारण*

*० पहल शिविर में सुनी जाएंगी महिलाओं एवं बालिकाओं की समस्याएं*

*० 30 जून तक हर 15 दिन पर लगाए जाएंगे स्वालंबन शिविर*

*औरैया।* महिलाओं व बालक-बालिकाओं की योजना संबंधी शिकायताओं के निस्तारण के लिए अब स्वालंबन शिविर लगेंगे। जिले में हर 15 दिन पर लगने वाले यह शिविर मिशन शक्ति-4 के तहत लगाए जाएंगे।जिला प्रोबेशन अधिकारी आशुतोष सिंह ने बताया कि स्वालंबन शिविर में मुख्यमंत्री बाल सेवा, मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला, बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ, वन स्टॉप सेंटर, महिला हेल्प लाइन, बालिका सुरक्षा जागरूकता अभियान, बाल संरक्षण सेवाएं और निराश्रित महिला योजना के बारे में विभिन्न तरीके से जागरूक किया जाएगा। साथ ही इस योजना के पात्र लोगों की शिकायतों का भी समाधान किया जाएगा। उन्होंने बताया कि इस संबंध में निदेशक, महिला कल्याण की ओर से जनपदस्तर पत्र आया है। यह शिविर 30 जून तक हर 15-15 दिन पर आयोजित किए जाएंगे।उन्होंने बताया कि जिले में बाल सेवा योजना के तहत अब तक कोविड प्रभावित 91 बच्चे लाभान्वित हो चुके हैं। इनको 4000 रुपये प्रति माह दिया जा रहा है। कोविड काल में अन्य कारणों से अनाथ हुए 105 बच्चों को बाल सेवा योजना के तहत 2500 रुपये प्रति माह दिया जा रहा है। कन्या सुमंगल योजना के तहत 4668 बालिकाएं लाभान्वित हुई हैं। इन बालिकाओं को जन्म से स्नातक तक विभिन्न चरणों में कुल 15 हजार रुपये दिए जा रहे हैं। निराश्रित महिला योजना के तहत पिछले पांच वर्षों में 7542 नए लाभार्थी जोड़े गए।
मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना के तहत कोविड काल में 18 वर्ष तक के अनाथ बच्चों के भरण पोषण, शिक्षा और चिकित्सा आदि में आर्थिक मदद करने के उद्देश्य से मुख्यमंत्री बाल सेवा शुरू की गई है। कोविड काल में कोविड के कारण अनाथ हुए बच्चों को 4000 रुपये प्रति माह दिए जा रहे हैं। वहीं कोविड काल में अन्य कारणों से अनाथ हुए बच्चों को 2500 रुपये प्रति माह दिए जा रहे हैं। अनाथ बलिकाओं की शादी के लिए एक लाख एक हजार रुपये दिए जा रहे हैं। इसके अलावा अटल आवासीय और कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालाओं में 18 वर्ष उम्र तक के बच्चों को निःशुल्क शिक्षा दी जा रही है। उपरोक्त श्रेणी में आने वाले बच्चों को टैबलेट/लैपटॉप भी दिए जा रहे हैं।
मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला
योजना के तहत जन्म के समय 2000 रुपये, एक वर्ष टीकाकरण पूर्ण होने पर 1000 रुपये, कक्षा एक में प्रवेश के समय 2000 रुपये, कक्षा 6 में प्रवेश पर 2000 रुपये, कक्षा 9 में प्रवेश पर 3000 रुपये, 10 वीं/12 वीं पास करने या दो वर्षीय डिप्लोमा में प्रवेश करने पर 5000 रुपये दिए जा रहे हैं। योजना का लाभ लाभार्थी के बैंक खाते में भेजी जाती है। परिवार की वार्षिक आय तीन लाख रुपये और अधिकतम दंपति को दो बच्चे ही होने चाहिए।
बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ केंद्र सरकार की इस योजना को जिला अधिकारी और जिला प्रोबेशन अधिकारी संयुक्त रूप से जनपद में संचालित करते हैं। इस योजना का उद्देश्य लिंगानुपात के गिरते स्तर को उठाना, बालिकाओं के प्रति संकुचित सोच बदलना और बालिकाओं को शिक्षा के प्रति प्रोत्साहित करना हैं। इस योजना के अंतर्गत प्रिन्ट, इलेक्ट्रानिक मीडिया और पारंपरिक माध्यमाओं से जन जागरुकता फैलाई जा रही है। निराश्रित महिला योजना ,
महिला शरणालय, मानसिक महिलाओं के आश्रय गृह, संरक्षण गृह, स्वाधार गृह, उज्ज्वला गृह, वृद्धाश्रम व कामकाजी महिलाओं के हॉस्टल की सुविधा के जरिए निराश्रित व कामकाजी महिलाओं की मदद की जा रही है। इस योजना के तहत ऐसी महिलाओं की खास तौर पर मदद की जा रही है जिन्होंने कोविड काल में अपना पति/पिता/संरक्षक खो दिया है। कोविड काल में अन्य कारणों से अनाथ हुए बच्चों को 2500 रुपये प्रति माह दिए जा रहे हैं। अनाथ बलिकाओं की शादी के लिए एक लाख एक हजार रुपये दिए जा रहे हैं। इसके अलावा अटल आवासीय और कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालाओं में 18 वर्ष उम्र तक के बच्चों को निःशुल्क शिक्षा दी जा रही है। उपरोक्त श्रेणी में आने वाले बच्चों को टैबलेट/लैपटॉप भी दिए जा रहे हैं। मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना के तहत जन्म के समय 2000 रुपये, एक वर्ष टीकाकरण पूर्ण होने पर 1000 रुपये, कक्षा एक में प्रवेश के समय 2000 रुपये, कक्षा 6 में प्रवेश पर 2000 रुपये, कक्षा 9 में प्रवेश पर 3000 रुपये, 10 वीं/12 वीं पास करने या दो वर्षीय डिप्लोमा में प्रवेश करने पर 5000 रुपये दिए जा रहे हैं। योजना का लाभ लाभार्थी के बैंक खाते में भेजी जाती है। परिवार की वार्षिक आय तीन लाख रुपये और अधिकतम दंपति को दो बच्चे ही होने चाहिए। बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ केंद्र सरकार की इस योजना को जिला अधिकारी और जिला प्रोबेशन अधिकारी संयुक्त रूप से जनपद में संचालित करते हैं। इस योजना का उद्देश्य लिंगानुपात के गिरते स्तर को उठाना, बालिकाओं के प्रति संकुचित सोच बदलना और बालिकाओं को शिक्षा के प्रति प्रोत्साहित करना हैं। इस योजना के अंतर्गत प्रिन्ट, इलेक्ट्रानिक मीडिया और पारंपरिक माध्यमाओं से जन जागरुकता फैलाई जा रही है। निराश्रित महिला योजना महिला शरणालय, मानसिक महिलाओं के आश्रय गृह, संरक्षण गृह, स्वाधार गृह, उज्ज्वला गृह, वृद्धाश्रम व कामकाजी महिलाओं के हॉस्टल की सुविधा के जरिए निराश्रित व कामकाजी महिलाओं की मदद की जा रही है। इस योजना के तहत ऐसी महिलाओं की खास तौर पर मदद की जा रही है जिन्होंने कोविड काल में अपना पति/पिता/संरक्षक खो दिया है।

रिपोर्ट :-: आकाश उर्फ अक्की भईया संवाददाता