इटावा पुलिस चैकिंग अभियान चलाती है जुर्माना होता है गाड़ी सीज भी की जाती है लेकिन शहर का जो सबसे बड़ा सर दर्द है जाम उससे निजात मिलना असम्भव सा दिख रहा है चेतावनी के लहजे में पुलिस अपना फरमान सुनाकर कर्तव्य की इति श्री कर लेती है और हालात जस के तस बने रहते है
इस जाम मे शहर की ही दम नहीं घुट रही बल्कि जो इसमें फंसा उसको भी जान की लाले पड़ते नजर आते है दो पहिया वाहनों से लेकर चार पहिया वाहन सभी बीच बाजार घुसे रहते है आखिर इनका चालान क्यो नही किया जाता शहर पैदल चलने लायक नही रहा है बीच सड़क दाएं बाएं हर तरंग वाहन खड़े है इसके साथ ही सड़क का अतिक्रमण रॉड के दोनो तरफ जमीन पर फड़ लगाए लोग उस जगह को अपनी विरासत समझते है आखिर प्रशासन ,नगरपालिका, पुलिस क्या सभी को ये नही दिख रहा है आखिर शहर कब स्वस्थ सांस ले सकेगा ये ऐसे ही तिल तिल दम तोड़ता रहेगा