सेवा बहाली की मांग को लेकर मुख्यमंत्री आवास कूच कर रहे पूर्व आउटसोर्स स्वास्थ्यकर्मियों पर हुए लाठजार्च के विरोध में पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कड़ी धूप में एक घंटे का मौन उपवास रख कर अपना विरोध दर्ज कराया।
इससे पूर्व उन्होंने कहा कि राज्य में बेरोजगार नौजवानों को जिस तरीके से निर्मम लाठीचार्ज कर पीटा जा रहा है, वह निंदनीय है।
जिन लड़के-लड़कियों ने कोरोनाकाल में मानवता की सेवा की, जिनको सबने कोरोना योद्धा कहा, उनको पीटा जाना कहां तक उचित है।
उन्होंने सरकार की ओर इशारा करते हुए कहा कि अगर हम अपने ही बच्चों के साथ संवाद नहीं बना पा रहे हैं तो इससे ज्यादा दुख की बात क्या हो सकती है।
पूर्व मुख्यमंत्री रावत ने कहा कि उत्तेजनापूर्ण क्षणों में कांग्रेस पार्षद की ओर से अमर शहीद राजेश रावत को पत्थरबाज कहना अत्यधिक दु:खद और निंदनीय है। वह कांग्रेस पार्षद के इस आचरण के लिए सारे राज्य के लोगों और राज्य आंदोलनकारियों से माफी मांगते हैं।