सुबोध पाठक
जसवंतनगर/इटावा। मछली माफियाओं का दबदबा सालों से कायम है। बेखौफ मछली माफिया यमुना तटों पर मछलियों वाले इलाकों में कब्जा जमाए हुए हैं और विभागीय अधिकारी चैन की नींद सो रहे हैं। यही कारण है कि छुटपुट अवैध शिकार करने वाले लोग भी बड़ी संख्या में नदी किनारे अपने अपने कांटे डाले देखे जा सकते हैं।
बरसात के मौसम में मछलियों के शिकार पर पूरे तरीके से प्रतिबंध लगा होता है। जिसका पालन कराने की जिम्मेदारी प्रशासन की होती है। फिर भी लोग यमुना नदी से मछलियां पकड़ रहे है। सुबह होते ही स्थानीय मछली शिकारी भी यमुना नदी किनारे ऐसे बैठे बैठे दिखाई देते हैं कि जैसे बगुला मछली की शिकार में घात लगाए बैठे हों। स्थानीय लोग तो इसलिए भी परेशान हैं कि यह मछली के अवैध शिकारी उनकी बकरियां और भैंसों को रात के समय चोरी कर ले जाते हैं कुछ दिन पहले तो ब्रह्माणी रोड पर बने एक मकान से दिन दहाड़े एक बकरी चोरी हो गई। बताया गया कि यह मछली शिकार करने वाले लोग ही बकरी को चुरा ले गए हैं।
यमुना नदी के मछली नीलामी ठेका पर रोक लगी है इसके बावजूद बलरई के यमुना क्षेत्र में विभागीय अधिकारियों की मिलीभगत से शिकारी मछलियों का अवैध शिकार कर रहे हैं। प्रतिबंध के बावजूद रोजाना बड़े पैमाने पर मछलियों का शिकार एवं परिवहन किया जा रहा है। यमुना नदी के घाटो पर सुबह से दिनभर शिकारियों का जमावड़ा लगा रहता है। नाव, ढोंगी, ट्यूब की सहायता से नदी में जाल व कांटे बिछाकर मछलियों का शिकार किया जा रहा है जिससे सरकारी आदेश की धज्जियां उड़ रही हैं। विभागीय अधिकारियों से मछली माफियाओं की बड़ी सांठगांठ बताई जा रही है। मछलियों के अवैध शिकार पर अंकुश लगाने हेतु प्रभावी कार्रवाई न होने से ग्रामीणों में रोष व्याप्त है।