*औरैया,फाईलेरिया की दवा हर पात्र को मिले- सीएमओ*
*जिलाध्यक्ष ने स्वयं दवा का सेवन कर शुरू किया अभियान*
*फाइलेरिया की रोकथाम के लिए शुरू हुआ अभियान, स्वास्थ्यकर्मी घर-घर जाकर खिलाएंगे दवा*
*औरैया।* आज दिन गुरूवार को कोविड-19 के दिशा-निर्देशों के अनुसार शारीरिक दूरी (दो गज की दूरी), मास्क और हाथों की साफ़-सफाई का अनुपालन करते हुए समुदाय को फाइलेरिया या हाथीपांव रोग से बचाने के लिए मास ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (एमडीए /आईडीए ) कार्यक्रम का शुभारम्भ जनपद में गुरुवार को हुआ। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र दिबियापुर में जिलाध्यक्ष श्रीराम मिश्रा ने कार्यक्रम का फीता काटकर शुभारम्भ किया। उन्होंने स्वयं दवा का सेवन करते हुए और कहा की दवा खाली पेट नहीं खानी है और इसे स्वास्थ्यकर्मी के सामने ही खाना आवश्यक है। दवा खाने से जब शरीर में परजीवी मरते हैं तो कई बार सिरदर्द, बुखार, उल्टी, बदन में चकत्ते और खुजली जैसी प्रतिक्रियाएं देखने को मिलती हैं । इनसे घबराना नहीं है। मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ अर्चना श्रीवास्तव ने बताया कि उत्तर प्रदेश सरकार ने राष्ट्रीय फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम के अंतर्गत जनपद सहित प्रदेश के 19 जनपदों दिनांक 12 मई 2022 से 27 मई 2022 तक मास ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (एम.डी.ए./आई.डी.ए.) कार्यक्रम कराया जाना सुनिश्चित किया गया है। उन्होंने बताया कि इस अभियान में सभी वर्गों के लाभार्थियों को फाइलेरिया से सुरक्षित रखने के लिए एम.डी.ए. जनपदों में डी.ई.सी. एवं अल्बंडाज़ोल एवं आई.डी.ए जनपदों में डी.ई.सी. ,अल्बंडाज़ोल तथा आईवरमेक्टिन की निर्धारित खुराक स्वास्थ्यकर्मियों द्वारा घर-घर जाकर, अपने सामने मुफ्त खिलाई जाएगी। अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी (आरसीएच) एवं वीबीडी नोडल अधिकारी डॉ शिशिर पुरी ने बताया कि जिले में हाथीपांव के 590 और हाइड्रोसील के 430 मरीज हैं। उन्होंने कहा कि 12 मई से 27 मई तक मास ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (एमडीए) अभियान चलने जा रहा है जिसमें अग्रिम पंक्ति कार्यकर्ता घर-घर जाकर लोगों को अपने सामने फाइलेरिया रोधी दवा खिलाएंगे। यह दवाएं निःशुल्क जनसमुदाय को खिलाई जाएंगी और इसका सेवन दो साल से कम उम्र के बच्चों, गर्भवती और गंभीर रोग से पीड़ित लोगों को छोड़ कर सभी को करना है। जिला मलेरिया अधिकारी ने बताया कि जिले में 16 लाख 12 हज़ार 214 की जनसंख्या को अभियान के दौरान दवा खिलाई जाएगी। इसके लिए 1416 टीम बनाई गई हैं जिनके कार्यों का पर्यवेक्षण 230 सुपरवाइजर करेंगे। जनपद स्तर और सामुदायिक स्तर पर चिकित्सकों की रैपिड रिस्पॉन्स टीम गठित की गई है, जो आवश्यकता पड़ने पर तुरंत उपलब्ध रहेगी। फाइलेरिया की दवा सप्ताह में चार दिन सोमवार, मंगलवार, और शुक्रवार प्रातः 11 से दोपहर 3 बजे घर घर जाकर टीम द्वारा अपने सामने खिलायी जाएगी।
उन्होंने कहा की दो वर्ष से अधिक व पांच वर्ष से कम आयु वर्ग के लोगों को 100 ग्राम की एक डीईएसी गोली और 400 ग्राम की एक एलबेंडाजोल गोली देनी है। पांच से पंद्रह वर्ष आयु वर्ग के लोगों को डीईसी की 100 ग्राम की दो गोली और एलबेंडाजोल की 400 ग्राम की एक गोली दी जाएगी। इसके अलावा 15 वर्ष से अधिक आयु वग्र के लोगों को डीईसी की 100 ग्राम की तीन गोली और 400 ग्राम एलबेंडाजोल की एक गोली दी जाएगी। उन्होंने बताया कि फाइलेरिया बीमारी मच्छर के काटने से होता है। इसको सामान्यतः हाथीपांव भी बोलते है। इसमें पैरों और हाथों में सूजन के अलावा अंडकोष में सूजन जैसी दिक्कत होती है। व्यक्ति में संक्रमण के पश्चात बीमारी होने में पांच से पंद्रह साल का समय लग जाता है। इस अवसर पर उप मुख्य चिकित्सा अधिकारी, अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ बीपी शाक्य , जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डॉ राकेश सिंह , एपिडेमोलॉजिस्ट, मलेरिया निरीक्षक, बीपीएम , बीसीपीएम सहित पाथ व पीसीआई संस्था के प्रतिनिधि मौजूद रहे।
रिपोर्ट :-: आकाश उर्फ अक्की भईया संवाददाता