तरुण तिवारी
बकेवर इटावा।
थाना क्षेत्र के कस्बा लखना में स्थितमुहाल ठाकुरान में श्रीराम जानकी मंदिर में हर तरफ बदहाली है। प्रशासनिक उपेक्षा के चलते यहाँ के सेवादार को पूजा पाठ करने तक के रुपए नहीं मिल रहे हैं। वहीं पुजारी का रहने का कमरा कब गिर जाए कहा नहीं जा सकता। जब कि मंदिर के नाम पर करोड़ो रुपये की जमीन और दुकानें हैं। जिसका किराया प्रशासन वसूल रहा है। 1996 से यहां तहसीलदार को रिसीवर नियुक्त किया गया जिन्हें व्यवस्था देखने की जिम्मेदारी सौंपी गयी है।
इस मंदिर की करीब 165 वीघा खेती जिसमें दो बाग लखना कस्बा में स्थित है। एक बाग कस्बा के नौदा ग्राउंड के पास है। जिसे सामाजिक वानिकी लखना ने लीज पर पौधशाला के लिए लिया है। एक बाग बन्दर बाला बाग के नाम से जाना जाता है। इसके अलावा बकेवर के व्यासपुरा व पिलखना में खेती व बाग स्थित है। वहीं कस्बा लखना में सात दुकानें मुख्य बाजार में स्थित हैं। 1996 से पूर्व स्वं बाबा प्रेमदास के द्वारा अपना मालिकाना हक का मुकदमा दायर किया गया था। तत्कालीन जिलाधिकारी रणवीर सिंह ने विवाद को देखते तहसीलदार भर्थना को यहां का रिसीवर नियुक्त कर दिया था। तभी से यह व्यवस्था लागू है। अब इस मंदिर की व्यवस्था रमेश पाल पुजारी के द्वारा देखी जा रही है। उनका कहना है। कि अब रिसीबर के द्वारा पूजा के लिए कोई रुपए नहीं दिये जा रहे हैं। और रहने का कमरा भी जीर्णशीर्ण है। बारिश में चटक गया है। जो कि कब गिर जाए पता नहीं है। आज तक रिसीवर द्वारा मन्दिर का निरीक्षण आकर नहीं किया गया है।
वहीं जब इस सम्बंध में रिसीवर/ तहसीलदार भर्थना हरिश्चंद्र से बात की तो उन्होंने बताया कि इस मंदिर के जीर्णोद्धार की कार्ययोजना बनाई गयी है। शीघ्र ही इसका जीर्णोद्धार होगा। वहीं पूजा के रुपए आने के बारे में पता किया
वहीं पुजारी रमेश पाल ने बताया कि न तो उनके खाने का कोई इंतजाम है। और न ही पूजा के रुपए दिये जा रहे हैं। बारिश में मंदिर का कमरा गिरने से बीमार चल रहे हैं।