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भर्थना,*हर्षोल्लास से मनाया 2566 वां बुद्ध पूर्णिमा महोत्सव*

 

भर्थना,*हर्षोल्लास से मनाया 2566 वां बुद्ध पूर्णिमा महोत्सव*

● भरथना के शीलभद्र बुद्धविहार मोतीगंज में अनुयायियों ने सुबह से किया पूजा पाठ,

भरथना,इटावा। 2566 वां बुद्ध पूर्णिमा के अवसर पर नगर के मोहल्ला मोतीगंज बुद्धविहार में सैकड़ों अनुयाइयों ने बड़े ही हर्षोल्लास के साथ महोत्सव में भाग लिया।
सोमवार की प्रातः 8 बजे प्रभात भेरी के साथ नगर भृमण किया गया। सुबह 9 बजे से पूज्य बौद्ध भिझुओ द्वारा बुद्ध बन्दना,त्रिशस्ण,पंचशील,,धम्म दीक्षा,समारोह के दौरान बौद्ध विद्वानों द्वारा धम्म प्रवचन का भव्य आयोजन सम्पन्न हुआ।
समारोह के अवसर पर
बौद्ध विद्वान एक्स पुलिस महानिदेशक आईपीएस एस एन चक ने बताया कि
बुद्ध के विचारों को जो व्यक्ति ठीक से जान लेता है,चिन्तन मनन करके समझ लेता है तो वो सिर्फ वही स्वीकार करता है जो बुद्धि से तर्क संगत लगता है। जैसे वो यह नहीं मान सकता कि मनुष्य के धड़ पर हाथी का चेहरा फिट हो सकता या बन्दर का चेहरा मनुष्य के शरीर पर फिट हो सकता है। वो यह नहीं मान सकता कि किसी के चार हाथ,चार मुख,दस हाथ,सहस्र हाथ,दस मुख हो सकते या कोई बालक सूर्य को निगल सकता या खीर खाने से स्त्री गर्भवती हो सकती या सरस्वती की पूजा से ज्ञान,लक्ष्मी की पूजा से धन प्राप्त हो सकता या गोल पत्थर पर दूध चढ़ाने से कल्याण हो सकता। वो यह भी नहीं मान सकता कि कितने भी बुरे कर्म करो बस रोज राम,कृष्ण,शिव,हनुमान,काली,विष्णु,दुर्गा आदि की आरती कर लो बस सब बुरे कामों के परिणामों से बच जाओगे।
वो किसी भी सतयुग,त्रेता,द्वापर युग को नहीं मानेगा क्योंकि ये शुद्ध रूप से काल्पनिक हैं,वो किसी भी अवतार को स्वीकार नहीं करेगा क्योंकि अवतारवाद सिर्फ ब्राह्मणों द्वारा गढ़ा गया दर्शन है झूठ में मनुष्यों को उलझा कर कर्मकाण्ड से धन ठगने का।
संक्षेप में कहूँ तो बुद्ध को मानने वाला ही मनुष्य है बाकी तो मनुष्य के शरीर मे जानवरों की तरह जीते हैं क्योंकि ये बुद्धि को बन्द करके रख देते हैं और ब्राह्मणों के बताए रास्ते पर आंख बंद करके चलते रहते हैं। ब्राह्मण आज जिसे हिन्दू धर्म कह रहा है हकीकत में यह ब्राह्मणों द्वारा बनाया गया एक जाल है बाकी सबको उसमे फंसाये रखने के लिए।
आज बुद्ध पूर्णिमा पर नए सिरे से विचार करिये और एक बुद्धिमान मनुष्य की तरह जीवन जीना शुरू करिये।
समारोह के आयोजक आल इंडिया भिक्खु संघ के सदस्य व शीलभद्र बुद्धविहार मोतीगंज के अध्यक्ष भिक्खु सत्यशील के अलावा मुंशीलाल गौतम,कुँअर सिंह,दुर्गेश प्रताप सिंह,प्रधान कृपा शंकर,सत्यप्रकास,डीलर मनीष कुमार,डॉ०सुशील कुमार,दयाराम,गंगादेवी,
ज्ञानप्रभा,खुशिला,कुन्ती देवी,माधवी,राजकुमारी आदि सैकड़ों अनुयायियों ने भाग लेकर बौद्ध के विचारों का अनुसरण किया।

● भरथना के शीलभद्र बुद्धविहार मोतीगंज में अनुयायियों ने सुबह से किया पूजा पाठ,

भरथना,इटावा। 2566 वां बुद्ध पूर्णिमा के अवसर पर नगर के मोहल्ला मोतीगंज बुद्धविहार में सैकड़ों अनुयाइयों ने बड़े ही हर्षोल्लास के साथ महोत्सव में भाग लिया।
सोमवार की प्रातः 8 बजे प्रभात भेरी के साथ नगर भृमण किया गया। सुबह 9 बजे से पूज्य बौद्ध भिझुओ द्वारा बुद्ध बन्दना,त्रिशस्ण,पंचशील,,धम्म दीक्षा,समारोह के दौरान बौद्ध विद्वानों द्वारा धम्म प्रवचन का भव्य आयोजन सम्पन्न हुआ।
समारोह के अवसर पर
बौद्ध विद्वान एक्स पुलिस महानिदेशक आईपीएस एस एन चक ने बताया कि
बुद्ध के विचारों को जो व्यक्ति ठीक से जान लेता है,चिन्तन मनन करके समझ लेता है तो वो सिर्फ वही स्वीकार करता है जो बुद्धि से तर्क संगत लगता है। जैसे वो यह नहीं मान सकता कि मनुष्य के धड़ पर हाथी का चेहरा फिट हो सकता या बन्दर का चेहरा मनुष्य के शरीर पर फिट हो सकता है। वो यह नहीं मान सकता कि किसी के चार हाथ,चार मुख,दस हाथ,सहस्र हाथ,दस मुख हो सकते या कोई बालक सूर्य को निगल सकता या खीर खाने से स्त्री गर्भवती हो सकती या सरस्वती की पूजा से ज्ञान,लक्ष्मी की पूजा से धन प्राप्त हो सकता या गोल पत्थर पर दूध चढ़ाने से कल्याण हो सकता। वो यह भी नहीं मान सकता कि कितने भी बुरे कर्म करो बस रोज राम,कृष्ण,शिव,हनुमान,काली,विष्णु,दुर्गा आदि की आरती कर लो बस सब बुरे कामों के परिणामों से बच जाओगे।
वो किसी भी सतयुग,त्रेता,द्वापर युग को नहीं मानेगा क्योंकि ये शुद्ध रूप से काल्पनिक हैं,वो किसी भी अवतार को स्वीकार नहीं करेगा क्योंकि अवतारवाद सिर्फ ब्राह्मणों द्वारा गढ़ा गया दर्शन है झूठ में मनुष्यों को उलझा कर कर्मकाण्ड से धन ठगने का।
संक्षेप में कहूँ तो बुद्ध को मानने वाला ही मनुष्य है बाकी तो मनुष्य के शरीर मे जानवरों की तरह जीते हैं क्योंकि ये बुद्धि को बन्द करके रख देते हैं और ब्राह्मणों के बताए रास्ते पर आंख बंद करके चलते रहते हैं। ब्राह्मण आज जिसे हिन्दू धर्म कह रहा है हकीकत में यह ब्राह्मणों द्वारा बनाया गया एक जाल है बाकी सबको उसमे फंसाये रखने के लिए।
आज बुद्ध पूर्णिमा पर नए सिरे से विचार करिये और एक बुद्धिमान मनुष्य की तरह जीवन जीना शुरू करिये।
समारोह के आयोजक आल इंडिया भिक्खु संघ के सदस्य व शीलभद्र बुद्धविहार मोतीगंज के अध्यक्ष भिक्खु सत्यशील के अलावा मुंशीलाल गौतम,कुँअर सिंह,दुर्गेश प्रताप सिंह,प्रधान कृपा शंकर,सत्यप्रकास,डीलर मनीष कुमार,डॉ०सुशील कुमार,दयाराम,गंगादेवी,
ज्ञानप्रभा,खुशिला,कुन्ती देवी,माधवी,राजकुमारी आदि सैकड़ों अनुयायियों ने भाग लेकर बौद्ध के विचारों का अनुसरण किया।

रजत तिमोरी की रिपोर्ट