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औरैया, महंगाई बेरोजगारी कानून व्यवस्था पर लगे लगाम-* *अनुज यादव*

*औरैया, महंगाई बेरोजगारी कानून व्यवस्था पर लगे लगाम-* *अनुज यादव*

*मुद्दों से ध्यान हटाने के लिए धार्मिक स्थलों को बनाया जा रहा मोहरा-स्वयंवर सिंह*

*औरैया।* बढ़ती हुई महंगाई आम जनता के लिए परेशानी का सबब बनी हुई है , वही युवा रोजी रोजगार के चक्कर में इधर-उधर भटक रहे हैं। रोजी रोजगार नहीं मिलने से युवा किंकर्तव्यविमूढ़ हो रहे हैं। इसके अलावा कानून व्यवस्था भी घड़ियाली आंसू बहा रही है। आम जनता का महंगाई बेरोजगारी एवं कानून व्यवस्था से ध्यान हटाने के लिए सरकार धार्मिक स्थलों का सहारा ले रही है जिससे जनता धार्मिक उन्माद में उलझी रही और मुद्दों को ना उठा सके। इसके लिए सरकार आम लोगों को उलझाने में लगी हुई है। सरकार का ध्यान महंगाई बेरोजगारी एवं कानून व्यवस्था पर नहीं है जो एक दुखद ही नहीं बल्कि चिंता का विषय है यदि समय की रहती सरकार ने जनता की समस्याओं पर ध्यान आकृष्ट नहीं किया तो आम जनमानस का आक्रोश भड़कने से इनकार नहीं किया जा सकता है। अपना वक्तव्य देते हुए समाजसेवी अनुज यादव का कहना है कि बेतहाशा बढ़ती हुई महंगाई से मजदूर एवं मध्यम वर्ग के लोगों का जीवन बुरी तरह से प्रभावित हो रहा है उन्हें अपने परिवार के भरण-पोषण तथा बच्चों की पठन-पाठन की चिंता सता रही है। इसके अलावा मजदूर एवं मध्यम वर्ग के लोगों को कमाने खाने के लाले पड़े हुए हैं। इतना ही नहीं कोरोना काल से अनगिनत युवक रोजी रोजगार छिन जाने के कारण बेरोजगार हो गई है उन्हें भी रोजी रोजगार की चिंता अपने आगोश में लिए हुए हैं क्योंकि समय के साथ यदि उन्हें सरकारी नौकरी एवं रोजी रोजगार नहीं मिला तो उनकी जिंदगी तबाह होने से नहीं बच सकती है , ऐसी स्थिति में वह किंकर्तव्यविमूढ़ हो गये है। रोजी रोजगार नहीं मिलने से युवा हतोत्साहित होने के साथ ही अपने भविष्य को लेकर काफी चिंतित हैं , क्योंकि वह ओवरेज हो रहे हैं। जबकि प्रदेश सरकार एवं उसके सहयोगी संगठन महंगाई और बेरोजगारी से लोगों का ध्यान हटाने के लिए धार्मिक स्थलों को चुन चुन कर निशाना बना रही है इससे कभी भी हालात बिगड़ सकते हैं। इसके अलावा समाजसेवी स्वयंवर सिंह राजपूत का कहना है कि कानून व्यवस्था के नाम पर केवल लीपापोती हो रही है अपराधिक घटनाएं तेजी से बढ़ रही हैं, और जनता के लोग न्याय के लिए इधर- उधर भटक रहे हैं उन्हें न्याय नहीं मिल पा रहा है आम जनता के ऊपर पुलिसिया उत्पीड़न भी जारी है। आम जनता की लूट लोग महंगाई बेरोजगारी एवं कानून व्यवस्था से निजात चाहते हैं लेकिन उनके अरमानों पर कुठाराघात के साथ पानी फिरता नजर आ रहा है। सरकार भले ही विकास कार्यों का दावा कर रही हो, लेकिन धरातलीय हकीकत अलग ही है। रिकॉर्डतोड़ बढ़ती कीमतों से एवं बेरोजगारी व बदहाल कानून व्यवस्था से आम जनमानस में ऊहापोह की स्थिति उत्पन्न हो रही है। यह स्थिति धरातल पर कभी भी ज्वालामुखी बनकर फूट सकती है , इससे इनकार नहीं किया जा सकता है। इसी के दृष्टिगत प्रदेश सरकार को जनहित में बढ़ती हुई ताबड़तोड़ महगाई पर रोक लगानी चाहिए। वहीं युवाओं को नौकरी एवं रोजी रोजगार से जुड़ने के लिए पुख्ता कदम उठाने चाहिए, जिससे युवाओं में निराशा का भाव समाप्त होने के साथ रोजी रोजगार से जुड़ सकें , और अपना जीवन यापन सकुशल कर सकें। इसके साथ ही बिगड़ती हुई कानून व्यवस्था को लेकर पुलिस प्रशासन को सख्त दिशा निर्देश के साथ निष्पक्षता पूर्वक जनहित में कर्तव्य निष्ठा के साथ कार्य करने के लिए हर संभव दिशा-निर्देश देने चाहिए।

रिपोर्ट :-: आकाश उर्फ अक्की भईया संवाददाता