पंकज शाक्य
मैनपुरी- जनपद के सिविल कोर्ट की स्थाई लोक अदालत में खरगजीत नगर निवासी सीता देवी पत्नी योगेंद्र दुबे ने यह कह कर विधुत विभाग के अधिकारियों के खिलाफ केस दायर किया। जिसमें बताया कि मेरा विधिवत कनेक्शन हैं। उसका वह बिल जमा करती आ रही हैं। 16 जून 2019 को एस डी ओ ब्रजेश कुमार आये और मेरा मीटर जो सही था, उसे बदलकर नया मीटर लगा दिया। उस पुराने मीटर को सील किया और कहा कि 25000 रु दो नही तो बिजली की चोरी का मुकदमा लिखा दूंगा। मेरे सामने सील मीटर नही खोला गया। जबकि मेरा मीटर सही था। 13 फ़रवरी 2020 को 84879 रु का राजस्व व शमन 12000 का नोटिस आया। जिसे लेकर वह अधिशासी अभियंता से मिली। तो उन्होंने कहा जमा करना होगा, नही तो कनेक्शन काट देगे। जिस पर उसने 40000 रु 7 मार्च को जमा किये व 40216 रु 26 जून को जमा किये। जब कि उसने कोई चोरी नही की एस डी ओ ब्रजेश को 25000 रु न देने पर यह कार्यवाही की गई है। इसलिए विधुत अधिकारियों को तलब किया जाये व उसके द्वारा 80219 जमा रु वापस दिलाये जाये। जिस पर विधुत विभाग के अधिवक्ता देवेंद्र सिंह कटारिया ने कोर्ट में विभाग का पक्ष रखते हुए बताया कि सीता देवी के यहां मीटर जो उतारा गया। उसे परीक्षण शाखा में सहायक अभियंता व अन्य अधिकारियों के सामने व सीता देवी के प्रतिनिधि के सामने मीटर खोला गया। उसमे सी टी व अतिरिक्त रंजिशटेन्स लगा पाया गया है। जिस पर रिपोर्ट के आधार पर राजस्व निर्धारण की आख्या के आधार पर राजस्व निर्धारण 84879 रु धारा 126 विधुत अधिनियम के अनुसार बनाया गया हैं। जिसे सुनने का क्षेत्राधिकार 145 विधुत अधिनियम मर सिविल न्यायालय को नही है और एस डी ओर ब्रजेश कुमार को 25000 रु मांगने का आरोप गलत और निराधार हैं। जो रुपये जमा किये है वह स्वेच्छा से अंडर प्रोटेक्शन जमा किये थे। विधुत अधिवक्ता के तथ्यों से सहमत होते हुए स्थाई लोक अदालत के चेयरमेन जयपालसिंह व सदस्य सूरज सिंह यादव ने विशेष विरोध करते हुए केस को खारिज किया।