पानी नहीं केवल स्तनपान’ अभियान चलेगा 30 जून तक
मां का पहला पीला गाढ़ा दूध बढ़ाता है प्रतिरोधक क्षमता
।इटावा शिशु के लिए मां का दूध अमृत के समान होता है। इसलिए 6 माह तक के शिशुओं को केवल स्तनपान कराएं। यह कहना है जिला कार्यक्रम अधिकारी (अतिरिक्त प्रभार) सूरज सिंह का। डीपीओ ने बताया कि हर मां स्तनपान कराने के प्रति जागरूकता पैदा करने के लिए बाल विकास सेवा योजना विभाग की ओर से 10 मई से 30 जून तक ‘पानी नहीं केवल स्तनपान’ अभियान चल रहा है।
डीपीओ ने कहा कि मां का पहला गाढ़ा पीला दूध को कोलेस्ट्रम कहते हैं। यह शिशु को कई बीमारियों से बचाता है। साथ ही रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाता है। उन्होंने बताया कि अभियान की सफलता के लिए स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग, ग्राम विकास विभाग,पंचायती राज विभाग, बेसिक शिक्षा विभाग, खाद्य एवं रसद विभाग,जनप्रतिनिधियों तथा डेवलपमेंट पार्टनर्स के सहयोग से सहयोग लिया जा है।
सीडीपीओ उत्तम कुमार ने बताया कि जनपद में सभी आंगनवाड़ी अपने-अपने क्षेत्र में जाकर धात्री महिलाओं को स्तनपान संबंधित जानकारियां दे रही हैैं जिससे स्तनपान के प्रति महिलाएं जागरूक हों। उन्होंने बताया कि शिशु की 6 माह की आयु तक केवल स्तनपान उसके जीवन की रक्षा के लिए अत्यंत आवश्यक है। परंतु समाज में प्रचलित विभिन्न मान्यताओं व मिथकों के कारण छ: माह तक केवल स्तनपान सुनिश्चित नहीं हो पाता बल्कि परिवार के सदस्यों द्वारा शिशु को घुट्टी,शहद,चीनी का घोल पानी आदि का सेवन करा दिया जाता है। जिसके कारण शिशु कई प्रकार के संक्रमण से संक्रमित होता है। जिससे शिशु के स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ता है और उसका विकास बाधित होता है।
उन्होंने बताया कि 6 माह से पूर्व शिशु को किसी भी तरह का न तो ऊपरी आहार की आवश्यकता होती है और न पानी की क्योंकि 6 माह तक मां का दूध शिशु के लिए संपूर्ण आहार होता है। इसीलिए धात्री महिलाओं को शिशु को स्तनपान सुनिश्चित कराना आवश्यक है। गर्मियों में शिशु को केवल स्तनपान संबंधी व्यवहार सुनिश्चित कराने हेतु 10 मई से 30 जून तक इस अभियान के तहत धात्री महिलाओं को जागरूक किया जाएगा और उन्हें स्तनपान के संदर्भ में विस्तृत जानकारी भी दी जाएगी। जिससे केवल स्तनपान की दर में वृद्धि होने के अपेक्षित परिणाम प्राप्त होने के साथ ही शिशु मृत्यु दर में भी सुधार लाया जाएगा।
‘पानी नहीं केवल स्तनपान’ क्यों आवश्यक है-
नवजात शिशु के लिए पीला गाढ़ा (कोलेस्ट्रम) चिपचिपा युक्त दूध सर्वोत्तम आहार होता है। जो उसे कई बीमारियों से बचाता है।
6माह तक शिशु को केवल स्तनपान कराएं इसके अतिरिक्त कोई आहार व तरल न दें।
मां के दूध से बच्चे का स्वास्थ्य अच्छा रहता है और वह बीमारियों से दूर रहता है।
स्तनपान कराने वाली महिलाओं को स्तन कैंसर जैसी बीमारियां नहीं होती।
स्तनपान कराने वाली महिलाएं खूब पानी पिएं व अपने आहार में तरल पदार्थों का सेवन करें।
मां स्तनपान कराती है तो शिशु मानसिक रूप से संतुष्ट व स्वस्थ रहता है।
6 माह तक शिशु को पानी नहीं देना चाहिए,क्योंकि मां के दूध में 10% पौष्टिक तत्व के