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जसवंतनगरः क्षेत्र के ग्राम नगला तौर मे श्रीमद् भागवत कथा का आयोजन

जसवंतनगरः क्षेत्र के ग्राम नगला तौर मे आयोजित श्रीमद् भागवत कथा के तीसरे दिन गुरूवार को कथावाचक पं वुद्वी प्रकाश शुक्ला ने जड़ भरत चरित्र के माध्यम से मन, इंद्री व आत्मा के परस्पर संबंध की चर्चा की। उन्होने प्रहलाद चरित्र की वृतांत भी सुनाया। इस दौरान बडी संख्या मे महिला पुरूष कथा सुनने को मौजूद रहे उन्होंने कहा कि जिस प्रकार जड़ भरत मृग के बच्चे में इतना आसक्त हो गए कि अपनी दैनिक क्रिया कर्म को छोड़ कर केवल मृग के बच्चे में ही आसक्त रहने लगे, जिससे उनका अगला जन्म मृग योनि में हुआ। इसी प्रकार भक्त प्रहलाद-चरित्र का भी विस्तार पूर्वक वर्णन करते हुए कहा कि भक्त प्रहलाद को अपने पिता हिरण्यकश्यप ने केवल अपना ही नाम लेने को कहा और भगवान के नाम का विरोध किया, परंतु प्रहलाद ने भगवान का नाम नहीं छोड़ा। इससे क्रोधित होकर हिरण्यकश्यप ने प्रहलाद को मारने के अनेक प्रयद्य किए । उसे पहाड़ों से गिराया। सांपों से डसवाया। हाथी से कुचलवाया और अंत में होलिका के संग जलाया, परन्तु जिसका भगवान रक्षक होता है उसका कोई कुछ भी बिगाड़ा नहीं सकता। इस भगवत कथा मे परीक्षित की भूमिका मे राजकिशोर तथा उसकी पत्नी उर्मिला देवी, यज्ञपति की भूमिका मे रमाकांत , प्रीति, किशुन सिंह , पिंकी, तथा रिंकु व रजनी मौजूद रहे इस भगवत कथा का आयोजन अहिवरन सिंह प्रजापति ने सभी ग्रामवाजी तथा आसपास के लोगो से अपील की कि ज्यादा से ज्यादा संख्या मे भगवत पंडाल पहुॅचे व लाभ उठाये। इस दौरान व्यवस्था को बनाने के लिए हरिओम प्रजापति, मुनीम , मुरारी, अवनीश, दुर्गेश, राचन्द्र गौतम आदि मौजूद रहे