तेरे दावे किताबी है तेरे वादे हवाई है अब ये बेटी किसकी है जो इस लाइन पे आई है
डॉ आशीष त्रिपाठी
इटावा । बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ के मिशन तो जनपद में बहुत दिनों से चल रहे है कार्यक्रम भी अक्सर धूम धाम से होते ही रहते है। लेकिन फिर भी आखिर इटावा की इन बेटियों पर किसी NGO या सरकारी संस्था की नजर क्यों नही जाती । यूं तो प्रदेश भर में मिशन शक्ति अभियान भी चल रहा है कहीं कहीं कोई ऐसी ही बच्ची कभी दुर्भाग्य से दुष्कर्म का शिकार भी हो ही जाती है। औऱ फिर कुछ रुपये की 10 या 20 मोमबत्तियां लेकर उसकी याद में इंसाफ करो का नारा लगाने वाले लोग भी सामने आ ही जाते है। आज मुझे लगभग 11 वर्ष की नेहा रेलवे स्टेशन पर पानी की खाली बोतलें बीनती नजर आई तो मेरे कैमरे का लेंस अपने आप ही उसकी ओर घूम गया। ड्यूटी पर तैनात एक रेलवे के पुलिस कर्मी से तीखी बहस भी हुई बोले क्यों बना रहे हो फ़ोटो क्या करोगे इनकी फ़ोटो लेकर क्या भला करोगे इस फोटो का। तब उन साहब को मुझे बताना पड़ा कि आज कल योगी जी का मिशन शक्ति 4.0 चल रहा है। बेटियों की सुरक्षा उत्तर प्रदेश सरकार की पहली प्राथमिकता भी है। यह बेटी गरीब है तो क्या हुआ ये भी हमारे समाज की बेटी है यूपी सरकार की धरोहर है गरीब होना अभिशाप नही बोतल बीनना उसकी मजबूरी हो सकती है पढ़ने लिखने का अधिकार इसका भी है वह भी भारत की बेटी है। इस बच्ची ने सुबह से कुछ नही खाया था सलाह देने वालो ने मुझे मुफ्त सलाह भी दे दी लेकिन उस बेटी की भूंख के बारे में कुछ नही सोचा। उसे देखकर कुछ देर आंखे डबडबाई! खैर उसे कुछ पैसे देकर घर चला आया खबर लिख रहा हूँ शायद उसका कुछ भला हो जाये।