अमिताभ और जया की प्रेम कहानी को उन सभी सामग्रियों से बुना गया है जो इसे उन रील कहानियों की तरह दिलचस्प बनाती है।उन्होंने सत्यजीत रे की फिल्म ‘महानगर’ में सपोर्टिंग एक्ट्रेस का किरदार निभाया था।
यह एक बंगाली फिल्म थी और 1963 में रिलीज हुई थी।डायरेक्टर सत्यजीत रे से प्रभावित होकर जया बच्चन ने एफटीआईआई ज्वाइन किया था। जानेमाने निर्देशक हृषिकेश मुखर्जी ने जया और अमिताभ का परिचय अपनी फिल्म ‘गुड्डी’ के सेट पर कराया था।
वे दोनों हालांकि इससे पहले पुणे के फिल्म इंस्टीट्यूट में मिल चुके थे। फिल्म ‘अभिमान’ में साथ काम करने के बाद अमिताभ और जया ने जिंदगी भर साथ निभाने का फैसला ले किया।
दरअसल तब अमिताभ बच्चन अभिनेता बनने के लिए संघर्ष कर ही रहे थे जबकि जया पहले से ही एक सुपरस्टार थीं। जया को पहली नजर में ही अमिताभ से प्यार हो गया था।
फिल्म ‘शोले’ की कामयाबी के बाद 3 जून, 1973 को दोनों बंगाली रीति-रिवाज से परिणय-सूत्र में बंध गए।जया कहती हैं कि मैंने पहली बार अमित जी को इंस्टीट्यूट में देखा और पसंद करने लगी।