33 साल पहले आज ही के दिन चीन ने राजधानी बीजिंग के तियानामेन चौक में देश में लोकतंत्र की मांग कर रहे लाखों विद्यार्थियों व अन्य लोगों का दमन किया था। आज भी चीन ने इस घटना को लेकर रिपोर्टिंग पर रोक लगा रखा है।
अमेरिकी विदेश मंत्री ने ट्विटर पर अपनी पोस्ट में लिखा, ’33 साल बीत चुके हैं जब दुनिया ने बहादुर प्रदर्शनकारियों और अन्य लोगों को तियानामेन चौक पर लोकतंत्र की मांग करते देखा। स्मारकों को हटाने और इतिहास को मिटाने की कोशिशों के बावजूद, मानवाधिकारों को जहां भी खतरा है, वहां उसे बढ़ावा देकर अमेरिका शहीदों का आदर करता है।’
चीन के दबाव के कारण इस घटना का रिपोर्टिंग भी बहुत कम हुई है। 3 और 4 जून 1989 में कुछ छात्र बीजिंग के थियानमेन चौक पर लोकतंत्र की बहाली के समर्थन में इकट्ठा हुए थे।कुछ महीने पहले हांगकांग के विश्वविद्यालयों ने इस ऐतिहासिक आंदोलन के स्मारकों को हटा दिया था।
हू याओबांग की मौत के बाद लोग भड़क गए और वे विरोध और प्रदर्शन करने के लिए सड़क पर उतर गए। इसके बाद उन लोगों ने करीब छह हफ्ते तक इसका विरोध किया और लोकतंत्र की बहाली की मांग की थी।