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इटावा, इंटरनेशनल आर्काइव डे (अंतर्राष्ट्रीय अभिलेख दिवस) आज

इटावा, इंटरनेशनल आर्काइव डे (अंतर्राष्ट्रीय अभिलेख दिवस) आज

शौक को बना लिया जुनून, फिर 9 जून,2018 में बना चम्बल आर्काइव

डॉ आशीष त्रिपाठी

इटावा । चम्बल आर्काइव इटावा के संस्थापक कृष्ण अवतार पोरवाल ने आज इंटरनेशनल आर्काइव डे के अवसर पर मीडिया से जानकारी व अपने अनुभव साझा करते हुए बताया कि, चम्बल आर्काइव में इटावा की बेशकीमती संस्कृति, इतिहास, भूगोल व अध्यात्म की अनूठी पुस्तकों को लेकर मेरे द्वारा सन 2018 में जनपद के युवाओं को इटावा सहित देशी विदेशी ऐतिहासिक धरोहरों से परिचित कराने के एक बड़े संकल्प को लेकर बनाया गया था। अब हमारा चम्बल आर्काइव एक न्यास (ट्रस्ट) का रूप भी ले चुका है। इसमे रखी एक एक बहुमूल्य वस्तु, दुर्लभ पुस्तकें मेरी जीवन भर की जमा पूँजी भी है जिन्हें मैंने 10 वर्ष की उम्र से ही एकत्र करना शुरू किया था। आपको बता दें कि, 27 जुलाई 1951 को जनपद के चांदूपुर ग्राम में जन्मे 72 वर्षीय कृष्ण अवतार पोरवाल जनपद इटावा के एक बड़े अनुभवी इतिहासकार भी है बड़े बड़े इतिहासकार भी उनसे कुछ न कुछ जानकारी लेने उनके निवास पर अक्सर ही आया करते है उन्होंने बताया कि,यह बहुमूल्य कलेक्शन मेरा शौक है और अब यही शौक ही मेरा जुनून भी बन गया है। उनके बनाये संग्रहालय में लगभग 30 हजार से अधिक पुस्तकें, हडप्पा काल से लेकर वर्तमान काल तक के कई दुर्लभ दस्तावेज, दुर्लभ चित्र, कैमरे,टाइपराइटर,चीनी मिट्टी के बर्तन, कई पुराने जमाने के सिक्के, डाक टिकट सहित भारत का पूर्ण संविधान,वन्यजीवों के सैकड़ो पुराने चित्र,भारतीय संस्कृति व सभ्यता के कई दुर्लभ प्रिन्ट इटावा के ब्रिटिश काल के कई गजेटियर ,1768 की हस्त लिखित दुर्लभ रामायण,कई एनसाइक्लोपीडिया,160 शब्द कोष,भोज पत्र पर लिखी कई पांडुलिपियां,ईस्ट इंडिया कम्पनी का पूरा इतिहास,1857 का स्वतंत्रता संग्राम का इतिहास,20 हजार मैगजीन 1900 से लेकर अबतक, 20 हजार उर्दू की किताबें,अशोक,मुगलकाल,भोजकल,ब्रिटिश इंडिया के सिक्के,ऑयल पेंटिंग,केनवास पेंटिंग, ऑयल ऑन क्लॉथ पेंटिंग सुरक्षित संग्रहित कर रखे गये है। उन्होंने अपील की किआजकल की युवा पीढ़ी को एक बार अपने देश के इतिहास भूगोल को जरूर पढ़ना व जानना चाहिये।