धरती की कक्षा में चक्कर लगा रहा चांद इस बार पृथ्वी के सबसे करीब पहुंच गया जिससे यह बहुत विशाल नजर आया। चांद के सबसे नजदीकी प्वाइंट को perigee कहा जाता है।दुनिया के कई शहरों में ‘स्ट्रॉबेरी सुपर मून’ का अद्भुत नजारा दिखाई दिया।
जून के फुल मून को ही ‘स्ट्रॉबेरी मून’ के नाम से जाना जाता है। भारतीय समयानुसार स्ट्रॉबेरी मून शाम 5:22 पर नजर आया, चूंकि भारत में इस वक्त सूर्य चमकता रहता है, इसलिए यह यहां नजर नहीं आया ,लेकिन विश्व के कई देशों में यह दिखाई दिया।
ये एक साल में तीन-चार बार ही आते हैं।इटली के सेकानो से टेलीस्कोप के जरिए स्ट्रॉबेरी मून का विश्व में रात 12.45 वेबकॉस्ट किया गया।वैज्ञानिकों का कहना है कि धरती के सबसे करीबी प्वाइंट पर जब चांद पहुंचता है जून महीने की पहली पूर्णिमा को स्ट्रॉबेरी सुपरमून कहा जाता है। इसी तरह से ही अलग-अलग महीनों में पड़ने वाली पूर्णिमाओं के नाम रखे गए हैं।
इस कारण स्ट्रॉबेरी के नाम से आप भ्रमित न हो जाइएगा।तो यह सामान्य दिनों में पूर्ण चांद के आकार से थोड़ा बड़ा नजर आता है। यह फोटो मलेशिया के क्वालालंपुर और न्यूयॉर्क की है। इसमें चांद अपने पूरे शबाब पर नजर आ रहा है।