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युवती को सर्प ने काटा-बच गई जान*सर्पमित्र डॉ०आशीष से मिली सहायता-घबराएं नहीं,

 

*युवती को सर्प ने काटा-बच गई जान*

● सर्पमित्र डॉ०आशीष से मिली सहायता-घबराएं नहीं,

इटावा। इटावा जनपद में सर्प निकलने की आहट अब शुरू हो चुकी है। बरसात का मौसम अब लगभग आ चुका है। अब सबसे जरूरी बात यह कि सभी सर्प जहरीले नही होते है अतः कभी सर्पदंश होने पर घबराये नही,बुधवार की दोपहर लगभग डेढ़ बजे जसवंत नगर से सर्पदंश की घटना होने की कॉल जिला संघ चालक राम नरेश शर्मा द्वारा सर्पमित्र डॉ०आशीष को मिली जिसके अनुसार जसवंत नगर के नगला सलहेदी निवासी संतोष पाठक की 20 वर्षीय पुत्री दीक्षा पाठक जो एम ए प्रथम वर्ष की छात्रा है को दोपहर घर मे बक्से के किनारे बैठे एक सर्प ने अचानक काट लिया। तभी युवती को पैर में गमछे से बन्ध लगाकर किसी भी प्रकार की झाड़ फूँक न कराकर सीधे ही निजी वाहन से अस्पताल ले जाने की तैयारी की गई। तभी रास्ते मे सर्पमित्र डॉ० आशीष से उनके फोन पर संपर्क किया गया और दीक्षा के भाई राहुल ने तुरन्त सर्प के काटे हुये स्थान की फ़ोटो खींच कर डॉ०आशीष को व्हाट्सएप्प पर भेजी गई फ़ोटो देखने व दीक्षा से फोन पर बात करने के बाद उसके मौजूदा सर्पदंश के बाद के लक्षणों को समझकर व दीक्षा के बताये रंग व लम्बाई के अनुसार मिशन स्नेक बाइट डेथ फ्री इंडिया के यूपी कोर्डिनेटर एवं वन्यजीव विशेषज्ञ सर्पमित्र डॉ० आशीष त्रिपाठी ने उस सर्प की पहचान एक विषहीन सर्प के रूप में करली,तभी इसी बीच एक फोटो भी उनके पास आई जिसमे ग्रामीणों ने अज्ञानतावश उस सर्प को मार डाला जिसमे कोई जहर ही नही होता था,उसका सिर काला था व वह पीले सुनहरे रंग का काली चित्तीदार लम्बा सा विषहीन दुर्लभ रॉयल स्नेक सर्प ही था। वह उस समय घर मे एक खाली कमरे में घुसे चूहों को सूंघकर अपने भोजन की तलाश करते हुये बक्से के पास आ गया था। जिस पर धोखे से पैर पड़ने पर दीक्षा को उसने अपनी आत्मरक्षा में ही काट लिया । सर्पमित्र डॉ०आशीष त्रिपाठी द्वारा सर्प के विषहीन होने की पुख्ता जानकारी मिलने पर दीक्षा की घबराहट काफी कम हुई व उसे समझाने से उसकी जान भी बच गई।
इसी बीच दीक्षा के परिजन उसे जिला अस्पताल भी ले आये और इमरजेंसी वार्ड के कमरा नम्बर तीन में उसे जिला चिकित्सालय के सीएमएस एमएम आर्या के निर्देश पर जरूरी उपचार भी उपलब्ध कराया गया। दीक्षा बिल्कुल ठीक थी उसका रक्तचाप (ब्लड प्रेशर) भी सामान्य था। अब इस सामान्य घटना से अन्य सभी लोगो को भी यह सीख लेनी है कि,कभी भी सर्पदंश होने पर बिल्कुल भी घबराये नही किसी भी प्रकार के सर्पदंश में पीड़ित के एक हल्का बन्ध लगाकर मरीज को सीधे जिला अस्पताल ले आयें और मरीज को बिल्कुल शान्त रहने व जल्द ही ठीक होने की सलाह देकर उसकी घबराहट कम करें क्यों कि हमारे आस पास दिखाई देने वाले सभी सर्पों में कोबरा,करैत, ₹रसल वाइपर व सॉ स्केल्ड वाइपर के सिवा अन्य सर्प जहरीले ही नही होते है। अतः सर्पदंश होने पर बिल्कुल भी घबराएं नही क्यों कि ज्यादातर मौत विषहीन सर्प के काटने के मामले में मरीज के अत्यधिक घबराहट होने से ही हो जाती है। आपको बतादें कि,आपके जनपद में सर्पदंश का इलाज जिला अस्पताल के इमरर्जेन्सी वार्ड के 3 नम्बर रूम में मौजूद है।