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इटावा के लाल अजीत सिंह को टोक्यो में जेवलिन थ्रो इवेंट में नही मिला कोई पदक

इटावा-दोस्त की जान बचाते हुए गवाया एक हा जाबांज़ एथलीट डॉक्टर अजीत सिंह का 2017 ट्रेन हादसे से लेकर टोक्यो पैरालम्पिक तक का सफर बेहद ही प्रेरणादायक रहा है 2019 में बीजिंग एवं दुबई में आयोजित वर्ल्ड पैरा एथलेटिक्स प्रतियोगिता में गोल्ड एवं ब्रॉन्ज मैडल जीत चुके इटावा के लाल अजीत सिंहको हालांकि आज टोक्यो में जेवलिन थ्रो इवेंट में नही मिला कोई पद

लेकिन बहिनो एवं दादा को उम्मीद अगले पैरालम्पिक एवं विश्व चैंपियनशिप में जीतेंगे गोल्ड, पैरालम्पिक का आदर्श वाक्य *स्प्रिट इन मोशन* पर खरे उतरते हुए अजीत ने अपने दोस्त की जान बचाते हुए दोस्ती में तो गोल्ड मैडल दिसंबर 2017 में ही जीत लिया था जब एक हादसे में अपनी जान की परवाह न करते हुए ट्रेन से अपने दोस्त की जान बचाते हुए खुद अपना हाथ गवा दिया था और उस हादसे के मात्र 4 माह बाद सीनियर पैरा नेशनल चेम्पियनशिप में पहला स्थान प्राप्त कर बीजिंग पैरा वर्ल्ड एथलीट प्रतियोगिता में देश का प्रतिनिधित्व करने का मौका मिला और पहली ही बार में सबसे दूर भाला फेंक गोल्ड मैडल जीत सबको चौका दिया था अपनी दृढ़ इच्छा शक्ति की बदौलत ही अजीत सिर्फ खेलो में ही नही पढ़ाई में भी कीर्तिमान हासिल कर चुके है,

ग्वालियर के लक्ष्मीबाई नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ फिज़िकल एजुकेशन से फिज़िकल एजुकेशन में पी एच डी कर भरथना के नगला विधि निवासी किसान का बेटा आज एथलीट डॉक्टर अजीत सिंह यादव के नाम से जाने जाते है,

आपकी दृढ़ इच्छाशक्ति और मजबूत इरादों के लिए इटावा की जनता की तरफ से इटावा के लाल को ढेरो बधाई