प्रधान मंत्री शहबाज शरीफ के नेतृत्व वाली सरकार द्वारा पाकिस्तान में पेट्रोलियम उत्पादों की कीमतों में वृद्धि के बाद एक अलग ही नजारा देखने को मिला।सरकार ने पाकिस्तान में पेट्रोल पर 10 रुपये प्रति लीटर और हाई-स्पीड डीजल, किरासन तेल, और हल्के डीजल पर 5 रुपये प्रति लीटर की दर से पेट्रोलियम लेवी लगाने का फैसला किया है।
विशेष रूप से, प्रधान मंत्री शहबाज के नेतृत्व वाली सरकार ने अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) की मांगों को मान लिया और ईंधन सब्सिडी को हटा दिया, और पेट्रोल की कीमत में 30 रुपये की वृद्धि की। पाकिस्तान सरकार अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) से अपने रुपके हुए छह अरब डॉलर के बेलआउट पैकेज को हासिल करने के लिए यह कवायद कर रहा है। पाकिस्तान के पीएम शहबाज शरीफ हालत को संभालने की बजाय महंगाई का सारा ठीकरा पूर्व पीएम इमरान खान पर फोड़ते हैं।
ईंधन की कीमतों में वृद्धि के प्रभाव को कम करने के उपायों का हवाला देते हुए, प्रधान मंत्री शहबाज शरीफ ने प्रति माह 28 अरब रुपये का एक नया राहत पैकेज शुरू किया। शहबाज सरकार ने पूर्व प्रधान मंत्री इमरान खान के नेतृत्व वाली सरकार पर कटाक्ष किया और कहा कि उनकी वजह से उन्हें “भारी मन” के साथ ईंधन की कीमतें बढ़ाने का “कठिन निर्णय” लेना पड़ा।
आईएमएफ ने पाकिस्तान सरकार के सामने शर्त रखी है कि अगर उसे बेलआउट पैकेज चाहिए तो उसे पेट्रोलियम पदार्थों दिये जाने वाली सब्सिडी को हटाकर उन पर लेवी लगाने जैसे सख्त कदम उठाने होंगे।