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जसवंत नगर, राष्ट्रीय प्रवक्ता आचार्य महाराज ने कहा कि गोगा देव राजस्थान के लोक देवता माने जाते

जसवन्त नगर:गोगा देव राजस्थान के लोक देवता माने जाते हैं। इन्हें जाहरवीर गोगा राणा के नाम से भी जाना जाता है। इनके जन्म को लेकर कथा प्रचलित है।             ग्राम पडरपुरा में चल रही श्री शिव गोरक्ष जाहरवीर कथा सप्ताह ज्ञान यज्ञ कथा  में शिव गौरक्ष धाम बांगड़ से पधारे प्रवक्ता आचार्य रवि नाथ महाराज ने गोगा जाहरवीर के जन्म की कथा भक्तों को श्रवण कराई। जिसे सुनकर हजारों भक्त भाव विभोर हो गए।

राष्ट्रीय प्रवक्ता आचार्य महाराज ने कहा कि राजस्थान के महापुरुष गोगाजी का जन्म भाद्रपद मास की कृष्ण पक्ष की नवमी तिथि को हुआ था। इसे गोगा नवमी के नाम से जाना जाता है। मान्यता है कि गोगाजी की मां बाछल देवी को संतान नहीं हुई थी, वो निःसंतान थीं। संतान प्राप्त के लिए बाछल देवी ने हर तरह के यत्न कर लिए थे। लेकिन उन्हें किसी भी तरह से संतान सुख नहीं मिला। गुरु गोरखनाथ गोगामेडी के टीले पर तपस्या में लीन थे। तभी बाछल देवी उनकी शरण में पहुंच गईं।

उन्होंने उन्हें अपनी  परेशानी और संतान प्राप्ति की इक्षा बताईं। तभी गुरु गोरखनाथ ने उन्हें पुत्र प्राप्ति का वरदान दिया। गोरखनाथ ने बाछल देवी को प्रसाद के तौर पर एक गुगल नामक  प्रसाद दिया। यह खाकर बाछल देवी गर्भवती हो गई। इसके बाद गोगा देव (जाहरवीर) का जन्म हुआ। गुगल फल के नाम से ही इनका नाम गोगाजी जाहरवीर पड़ गया।

श्री श्री 108 हरिनाथ महाराज के सानिध्य में देर शाम तक चली कथा में गोगा जाहरवीर के जन्म दिन की कई झांकियां निकाली गई,अंत में आयोजक ग्रामवासी व क्षेत्रीय श्रद्धालुओं ने आरती ग्रहण की। यह कथा 10 जुलाई तक चलेगी।11 को भंडारा आयोजित है।