उत्तराखंड में पिछले करीब डेढ़ हफ्ते से भारी और लगातार बारिश का नतीजा ये है कि चीन सीमा की तरफ जाने वाले तमाम मुख्य रास्तों सहित कई सड़कें धराशायी हो चुकी हैं. लेकिन हालात अभी सामान्य नहीं हुए हैं. अभी कुछ और दिन भारी बारिश और उसके कारण भूस्खलन की घटनाएं थमेंगी नहीं. इस बारे में 5 बड़ी कहानियां भी जानिए.
नेपाल की तरफ भूस्खलन होने के कारण काली नदी में भारी मलबा बहकर आया, जिससे नदी का प्रवाह अवरुद्ध हुआ और मलबे की झील जैसा नज़ारा बन गया. वहीं, ठंडी सड़क पर फिर भूस्खलन से कुमाऊं यूनिवर्सिटी के कुछ हिस्सों में खतरा बना हुआ है. खबरों की मानें तो गंगोत्री व यमुनोत्री हाईवे पर यातायात फिलहाल जारी है.
पहाड़ी इलाकों में बारिश के बाद ठंड का आलम यह है कि मौसम की पहली बर्फबारी की खबर आई. पिथौरागढ़ के मुन्स्यारी में भी बर्फबारी की खबर आई और पंचाचूली की पहाड़ियों पर सफेद चादर बिछी दिखी. यहां पर्यटन कारोबार से जुड़े लोग बर्फबारी से कुछ निराश ही दिखाई दे रहे हैं.