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इटावा, सर्पदंश जागरूकता कार्यक्रम बेहद ही ज्ञानवर्धक व जीवनोपयोगी

सर्पदंश जागरूकता कार्यक्रम बेहद ही ज्ञानवर्धक व जीवनोपयोगी
जे एस शाक्य (उप प्राचार्य डाइट)

जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान, इटावा (डायट परिसर) में आयोजित हुआ सर्पदंश जागरूकता कार्यक्रम

सम्पर्क – सर्पमित्र डॉ आशीष त्रिपाठी 7017204213

इटावा। मुख्य विकास अधिकारी के दिशा निर्देशन व बेसिक शिक्षा अधिकारी के सगयोग से जनपद इटावा में पर्यावरण एवं वन्यजीव संरक्षण के लिये कार्य कर रही संस्था ऑर्गनाइजेशन फ़ॉर कंजर्वेशन ऑफ एनवायरनमेंट एंड नेचर (ओशन) द्वारा आयोजित स्कूल सेफ्टी (एसएस), एसडीएमपी स्कूल डिजास्टर मेंनेजमेंट प्लान के तहत राज्य आपदा विषयक सर्प पहचान,सर्पदंश उपचार व सर्पों का महत्व विषय पर आधारित एक महत्वपूर्ण जागरूकता कार्यक्रम जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान, इटावा (डायट परिसर) में आयोजित हुआ। जिसमे जनपद के विभिन्न ब्लॉक के कई एआरपी व एसआरपी ने सहभागिता की।

 

उक्त जागरूकता कार्यक्रम में नगर पालिका परिषद इटावा के स्वच्छता, पर्यावरण एवं वन्यजीव संरक्षण के ब्रांड एम्बेसडर एवं मिशन स्नेक बाइट डेथ फ्री इण्डिया के यूपी कोर्डिनेटर, वन्यजीव विशेषज्ञ सर्पमित्र डॉ आशीष त्रिपाठी ने सभी एकेडमिक रिसोर्स पर्सन व स्टेट रिसोर्स पर्सन को प्रोजेक्टर के माध्यम से सर्पो से जुड़ी कई महत्वपूर्ण जानकारियाँ पीपीटी के माध्यम से देते हुये बताया कि,भारत मे हर साल सर्पदंश से लगभग 50,000 लोग असमय ही मरते है जिनमे से ज्यादातर लोग सही समय से सही इलाज न मिलने से ही मरते है। उन्होंने कहा कि, स्कूलों में व घरों में चूहों को सूंघकर ही उनके पीछे अक्सर सर्प भी आ जाते है। अतः हमे अपने अपने घर मे व स्कूलों में साफ सफाई रखने का विशेष प्रयास अवश्य ही करना चाहिये। उन्होंने कहा कि, कृपया इस मौसम में वेहद सावधान भी रहें क्यों कि कभी सर्प आपके बाहर उतारे हुये जूते में भी छिपा हो सकता है व अपको बाइट भी हो सकती है । वैसे तो छोटे बड़े सर्प अक्सर ही हमारे आस पास हमे कभी भी दिखाई दे ही जाते है और हम भयभीत होकर अनजाने में सर्पदंश का शिकार भी हो जाते है लेकिन ऐसी स्थिति में हमे बिल्कुल भी घबराना नही है क्यों कि, हमारे आस पास दिखाई देने वाले सभी प्रकार के सर्प जहरीले ही नही होते है। ध्यान रहे कि,सर्पदंश का इलाज झाड़ फूँक नही बल्कि एंटीवेनम ही होता है। डॉ आशीष ने कहा कि, सभी सर्प किसान मित्र भी होते है जो चूहों को खाकर पर्यावरण संतुलन बनाये रखने में अपनी अहम भूमिका भी निभाते है। सम्पूर्ण भारत मे पाई जाने वाली खतरनाक बिग फोर प्रजाति में से केवल कोबरा,करैत व रसल वाइपर को ही अब तक इटावा जनपद में देखा गया है। कार्यक्रम में संस्था ओशन के डिस्ट्रिक्ट कोर्डिनेटर व जनपद के प्रिसिद्ध स्काउट मास्टर डॉ पीयूष दीक्षित ने प्रश्नोत्तरी पहर में सामाजिक अंधविश्वास विषय पर सभी विशेष शिक्षकों को जागरूक किया व कई अन्य महत्वपूर्ण जानकारियाँ प्रदान कर अंधविश्वास भी दूर किया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि उप प्राचार्य डायट जे एस शाक्य ने कहा कि,आज का यह जागरूकता कार्यक्रम बेहद ही अनूठा व ज्ञानवर्धक रहा इस आयोजन से हम सभी लोगों का सर्पों के प्रति अज्ञात भय अब बिल्कुल ही समाप्त हो गया है। उत्तर प्रदेश सरकार ने सर्पदंश को राज्य आपदा भी घोषित किया है उस परिपेक्ष्य में यह जागरूकता कार्यक्रम समाज मे सर्पदंश से होने वाली जनहानि रोकने के लिये बेहद ही उपयोगी सिद्ध होगा। प्रशिक्षण प्रभारी/डायट प्रवक्ता श्रीमती गायत्री वर्मा व बृजलाल ने संयुक्त रूप से कहा कि, इस जागरूकता कार्यक्रम के माध्यम से हमने सभी प्रकार के सर्पों को पहचानने के साथ साथ सर्पदंश के बाद का जरूरी प्राथमिक उपचार व पट्टी करना भी सीखा साथ मे यह भी जाना कि सर्पदंश के बाद सही इलाज के लिए कहाँ जाना चाहिये। राज्य पुरुस्कार प्राप्त एसआरजी रामजनम सिंह ने कहा कि, यह कार्यक्रम देखने के बाद मेरा मानना है कि,इस प्रकार का महत्वपूर्ण जागरूकता कार्यक्रम स्टेट ही नही देश भर में आयोजित होना चाहिये जिससे कि समाज मे सर्पदंश व इलाज के प्रति जागरूकता बढ़े व समाज में सर्पदंश के प्रति फैला अंधविश्वास खत्म हो सके। कार्यक्रम में एसआरजी मीनाक्षी पांडेय व संजीव चतुर्वेदी सहित प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे बढ़पुरा, चकरनगर, महेवा, ताखा, सैंफई, जसवंतनगर, नगर क्षेत्र, भर्थना एवं बसरेहर ब्लॉक के समस्त एआरपी भी मौजूद रहे।