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औरैया, यूरिया खाद नहीं मिलने पर किसानों को धान की नर्सरी तैयार करने में हो रही परेशानी*

*औरैया, यूरिया खाद नहीं मिलने पर किसानों को धान की नर्सरी तैयार करने में हो रही परेशानी*

*० कीटनाशक दवाओं के मूल्य हुए दोगुने किसानों की जेब हो रही ढीली*

*औरैया।* जिले में विलंब से हुई वर्षा की बाद किसानों ने धान की रोपाई शुरू कर दी है। नर्सरी को तैयार करने के लिए किसानों को यूरिया खाद की अति आवश्यकता होती है , लेकिन विकासखंड औरैया की कई सहकारी संघों पर यूरिया खाद नदारद है। जिससे किसान अपने धान की नर्सरी तैयार नहीं कर पा रहे हैं। वहीं धान रोपाई के बाद फसल में यूरिया खाद भी नहीं डाल पा रहे हैं। जिसके चलते किसान धान की उपज में गिरावट आने की चिंता को लेकर हतोत्साहित है। इसके अलावा बाजरा की बुवाई के लिए भी यूरिया खाद नहीं मिल रही है। इसके अलावा बीज की दुकानों पर बिकने वाली कीटनाशक दवाऐ भी दोगुने मूल्य पर मिल रही हैं। जिससे किसानों की जेब ढीली हो रही है। किसानों ने जनहित में यूरिया खाद उपलब्ध कराए जाने एवं बढ़ी हुई कीटनाशक दवाओं की कीमत कम किए जाने की गुहार जिला प्रशासन से लगाई है। इस समय किसानों को धान में नर्सरी तैयार करने के लिए यूरिया व डीएपी खाद की बहुत जरूरत होती है। सरकारी गोदामों पर खाद उपलब्ध नहीं है। धान में जो दवाएं प्रयोग में लाई जाती है पिछली बार से दुगनी रेट पर हैं। बढ़ी हुई कीमतों को लेकर किसान बहुत परेशान है। इन दिनों किसान अपनी धान की नर्सरी जोकि लगभग तैयार हो चुकी है किसानों को धान की नर्सरी में एवं रोपाई के समय यूरिया खाद की अति आवश्यकता होती है,

 

लेकिन विकासखंड औरैया की सहकारी संघों पर खाद उपलब्ध नहीं है। विकासखंड औरैया क्षेत्र की ग्राम पंचायत क्योंटरा निवासी दीपक पाल, धौरेरा जनेतपुर निवासी लल्ला पाल, जैतापुर निवासी प्रदीप राठौर ,आशुतोष यादव व कन्हैया वर्मा के अलावा अन्य किसानों ने बताया कि इस समय उनकी धान की नर्सरी के लिए यूरिया खाद की अति आवश्यकता है। इसके अलावा धान की रोपाई भी शुरू कर दी गई है। किसानों ने बताया कि उन्हें खरीफ की फसल में बाजरा की बुवाई करनी है , लेकिन विभिन्न सहकारी संघ जैसे जैतापुर , बहादुरपुर , बमुरीपुर गोहना व रोशनपुर आदि सहकारी संघों पर खाद उपलब्ध नहीं है। जिससे उन्हें नर्सरी तैयार करने एवं फसल की बुवाई के लिए काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है, यदि समय के रहते उन्हें खाद उपलब्ध नहीं हुई तो उनकी पैदावार में गिरावट आना सुनिश्चित है।किसानों ने बताया कि कीटनाशक दवाए भी बाजार में बहुत महंगी हो गई है , यहां तक की दोगुने दामों पर उपलब्ध हो रही हैं। जिसके चलते उनकी जेब ढीली पड़ रही है। किसानों ने जिला प्रशासन से अतिशीघ्र कीटनाशक दवाओं के दाम कम करने एवं खाद उपलब्ध कराए जाने के लिए गुहार लगाई है , जिससे उनकी फसल का उत्पादन सही हो सके।

रिपोर्ट :-: आकाश उर्फ अक्की भईया संवाददाता