इटली में भारत के 16 वर्षीय पहलवान सूरज वशिष्ठ ने ग्रीको-रोमन अंडर-17 विश्व चैंपियनशिप में गोल्ड मेडल हासिल किया है.1990 में यह उपलब्धि हासिल करने वाले पप्पू यादव के बाद U17 आयु वर्ग में ग्रीको-रोमन विश्व चैंपियन बनने वाले पहले भारतीय हैं.
भारत ने ग्रीको-रोमन वर्ल्ड चैंपियनशिप में अभी तक एक भी गोल्ड मेडल नहीं जीता है, लेकिन जूनियर लेवल में उसके पास चार पदक हैं.55 किलोग्राम भारवर्ग में उन्होंने यह कामयाबी हासिल की है. सूरज हरियाणा के रोहतक जिले के रिठाल गांव के रहने वाले हैं.
सूरज ने 32 साल बाद अंडर-17 वर्ल्ड चैंपियनशिप में भारत को स्वर्ण पदक दिलाया है.सूरज वशिष्ठ ने जीत के बाद यूनाइटेड वर्ल्ड रेसलिंग को बताया, “मेरा सपना है कि मैं अपनी कैटेगरी में सर्वश्रेष्ठ बनूं. जाहिर है कि एक सीनियर वर्ल्ड टाइटल भी एक सपना है.”
ग्रीको रोम एक खास तरह की रेसलिंग है, जिसमें पहलवान को कमर से ऊपर ही अपने दाव चलने होते हैं. कोई भी पहलवान इस स्पर्धा में अपने प्रतिद्वंद्वी को कमर से नीचे नहीं पकड़ सकता और न ही वे अपने पैरों से अटैक कर सकते हैं न ही डिफेंस.