*औरैया, झमाझम बारिश से उफनाए नाला-नालियां शहर बना टापू*
*शहर के सरकारी कार्यालयों एवं मोहल्लों में जलभराव की स्थिति उत्पन्न*
*औरैया।* इन दिनों झमाझम बारिश जारी है। इसी के चलते शुक्रवार को हुई बारिश से शहर के विभिन्न कार्यालयों के परिसर एवं मोहल्लों की गलियों व नाला- नालियों में जलभराव की स्थिति उत्पन्न हो गई। जिससे शहर टापू सा प्रतीत होने लगा। शहर में जल निकासी की व्यवस्था पर्याप्त नहीं होने के कारण यह स्थिति उत्पन्न हो जाती है। नगर पालिका प्रशासन चाहकर भी इस जलभराव की समस्या से शहर वासियों को निजात नहीं दिला पा रहा है। कई दिन से रुक-रुक कर हो रही लगातार झमाझम बारिश से शहर के विभिन्न कार्यालय परिसर कोतवाली , फायर स्टेशन , ब्लॉक परिसर , कंट्रोल रूम परिसर, तहसील परिसर व नगर पालिका परिसर व अस्पताल परिसर में जल प्लावन की स्थिति उत्पन्न हो गई। इसी तरह से ही शहर के विभिन्न मोहल्ले बनारसीदास पश्चिमी , नई बस्ती पढीन दरवाजा, नई बस्ती सत्तेश्वर, गोविंद नगर उत्तरी , नरायनपुर पूर्वी, ब्रह्मनगर, भीखमपुर, दयालपुर, बदनपुर व ओम नगर आदि मोहल्लों में झमाझम बारिश से गलियां व नाला-नालियां जलभराव से लबालब हो गई। वर्षा का पानी कुछ लोगों के घरों में भी प्रवेश कर गया, जिसे निकालते हुए गृह स्वामियों को देखा गया। इतना ही नहीं शहर के प्रमुख बाजारों में भी जलभराव की स्थिति उत्पन्न हो गई। वर्षा का पानी दुकानों में घुस गया। जिससे दुकानदार अपना सामान सुरक्षित स्थान पर रखते हुए देखे गये। रुक- रुक कर लगातार हो रही वर्षा से शहर का नजारा टापू का प्रतीत होने लगा। शहर में जल निकासी की समुचित व्यवस्था नहीं होने के कारण जलभराव की समस्या हमेशा बनी रहती है। इस समस्या से शहर वासियों को निजात नहीं मिल रही है। शहर के फायर स्टेशन एवं नगर पालिका परिषद में जलभराव को पंपिंग सेट लगाकर निकाला जाता है। शहर की संभ्रांत वरिष्ठ एवं बुद्धिजीवी लोगों ने जलभराव की समस्या से निजात दिलाने के लिए पालिका प्रशासन से मांग की है। इस संबंध में जानकारी लेने पर नगर पालिका परिषद के अधिशाषी अधिकारी बलवीर सिंह का कहना है कि जिन मोहल्लों में जलभराव होता है , वहां पर गलियां एवं मकान पहले से ही गहराई में बने हुए हैं। जिसके चलते गलियों में पानी भर जाता है। पालिका परिषद का पूर्ण प्रयास है कि शहर के बाशिंदों को जलभराव की समस्या से निजात दिलाया जाए , लेकिन इसके लिए गलियों का उच्चीकरण करना होगा , जोकि सरकार द्वारा निर्माण कार्य के लिए पर्याप्त धनराशि भेजने पर ही संभव हो सकता है।
रिपोर्ट :-: आकाश उर्फ अक्की भईया संवाददाता