पाकिस्तान समर्थक एवं अलगाववादी नेता सैयद अली शाह गिलानी के शव को उनकी इच्छा के अनुसार उनके आवास के पास एक मस्जिद के कब्रिस्तान में दफनाया गया है। अंतिम संस्कार के दौरान परिजनों व रिश्तेदारों के साथ ही अधिकारी भी मौजूद रहे।
पाकिस्तान ने सैयद अली शाह गिलानी को पाकिस्तान ने पिछले साल अपने सर्वोच्च नागरिक सम्मान निशान-ए पाकिस्तान से नवाजा था. सोपोर में प्रारंभिक शिक्षा पाने वाले गिलानी आगे की पढ़ाई के लिए लाहौर चले गए. वहां, उन्होंने कुरान का अध्यन किया और जब कश्मीर लौटे तो अध्यापक बन गए. इसी दौरान वो जमात-ए-इस्लामी से जुड़े लोगों के संपर्क में आए. बाद वो इसके प्रमुख कार्यकर्ता बन गए.
अधिकारियों ने कहा कि गिलानी के शव को भारी पुलिस सुरक्षा के बीच मस्जिद के कब्रिस्तान में दफनाया गया है। उनके करीबी सहयोगियों ने बताया कि गिलानी ने हैदरपोरा की मस्जिद में दफनाए जाने की इच्छा जताई थी। लोगों को इकट्ठा होने से रोकने के लिए पूरी घाटी में सख्त प्रतिबंध लगाए गए।
अफवाहों और फर्जी खबरों को फैलने से रोकने के लिए एहतियात के तौर पर बीएसएनएल के पोस्टपेड कनेक्शन और इंटरनेट को छोड़कर मोबाइल फोन सेवाएं बंद कर दी गईं।