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भरथना,प्रभु का आशीर्वाद पाने को सच्ची श्रद्धा व भाव जरूरी-संध्या*

*प्रभु का आशीर्वाद पाने को सच्ची श्रद्धा व भाव जरूरी-संध्या*

● श्री मद भागवत कथा में संध्या ने किया द्वितीया दिवस पूर्ण,

भरथना,इटावा। भरथना नगर के दुर्गांचल गेस्ट हाउस पावर हाउस वाली गली में संचालित श्रीमद् भागवत सप्ताह कथा का आयोजन बड़े ही भव्यता के साथ चल रहा है। जिसकी कथा वाचिका देवी संध्या भागवताचार्य मां अन्नपूर्णा लाडली सरकार लाडमपुरा द्वारा पूर्ण किया जा रहा है।
मंगलवार को द्वितीय दिवस की कथा के दौरान ध्रुव चरित्र का वर्णन किया। कथा वाचक देवी संध्या ने कहा कि नारद शिष्य ध्रुव ने अटल तपस्या से भगवान का मनमोह लिया था। जिससे अपना और अपने परिवार का नाम अक्षय कर लिया था, भागवत महामात्मय का प्रसंग आगे बढा़ते हुए उन्होंने कहा कि भागवत ही भगवान है। भागवत भगवान का अक्षरावतार है। वक्ता श्रोता के धर्म को विवेचना करते हुए बताया कि वक्ता का चरित्र स्वच्छ होना चाहिए,वहीं श्रोता भगवान के प्रति समर्पित होना चाहिए। वक्ता प्रेरणा का पुंज होना चाहिए। उन्होंने कहा कि भगवान जीव का उद्धार करते हैं। द्वितीय दिवस के प्रथम सत्र में पांडवों के वंशवली का सुन्दर वर्णन किया। व्यास ने अपने व्याख्यान में बताया कि जैसा खाओगे अन्न,वैसा ही होगा मन, कथा को आगे बढ़ाते हुए युधिष्ठिर द्वारा प्रश्न प्रसंग का भी सुंदर वर्णन किया। कथा के दौरान क्षेत्र के बड़ी संख्या में भक्तजन उपस्थित रहे।