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औरैया, प्राथमिक स्कूल, ऐली का भवन जर्जर*

*औरैया, प्राथमिक स्कूल, ऐली का भवन जर्जर*

*बच्चे पेड़ के नीचे बैठकर करते हैं पढ़ाई*

*बारिश में पंचायत भवन की लेनी पड़ती है शरण*

*बिधूना,औरैया।* बिधूना तहसील क्षेत्र में सरकारी स्कूलों की स्थिति बेहद खराब है। यहां कहीं छतों से पानी टपक रहा है तो कहीं भवन जर्जर हैं। कहीं बच्चे दूसरे भवन में शिफ्ट किए गए हैं तो कहीं पेड़ के नीचे बैठकर पढ़ाई कराई जा रही है। हालांकि सरकारी आंकड़ों में कायाकल्प योजना के तहत सरकारी स्कूलों को चमकाने का दावा किया जा रहा है। बात करें तहसील क्षेत्र के अछल्दा ब्लॉक की तो प्राथमिक विद्यालय, ऐली का भवन जर्जर हो गया है। यहां बारिश के समय पानी टपकने लगता है। इससे बच्चों को पंचायत भवन की शरण लेनी पड़ती हैं। सामान्य दिनों में पेड़ के नीचे बैठाकर पढ़ाया जाता है। तस्वीरों में आप देख सकते हैं बच्चे परिसर में ही बरगद के पेड़ के नीचे बैठ कर शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं। यही नहीं बारिश के मौसम में जर्जर भवन के गिरने की खतरा और बढ़ जाता है। इससे बच्चों के पढ़ने के लिए कोई दूसरा सुरक्षित स्थान नहीं है। प्राथमिक शिक्षा में सुधार के लिए सरकार हर संभव प्रयास कर रही है। लेकिन, स्कूलों के जर्जर भवनों की मरम्मत का कार्य नहीं कराया जा रहा है। विद्यालयों में शिक्षण सत्र शुरू हो गया है। ऐसे में बच्चे स्कूलों के भवन जर्जर होने के कारण खुले में या पेड़ों के नीचे बैठकर पढ़ने के लिए मजबूर हैं। स्कूलों के खस्ताहाल भवनों को देख अभिभावक भी बच्चों को स्कूल भेजने से कतरा रहे हैं। इसका असर स्कूलों में होने वाले नामांकन पर भी पड़ रहा है। क्षेत्र के ऐली गांव में स्थित प्राथमिक विद्यालय का भवन लगभग 32 साल पहले बना था‌‌। स्कूल में दो कमरे हैं, जिनकी दीवारों व छतों में जगह-जगह दरार पड़ गई है। छत व दीवारों का प्लास्टर उखड़ रहा है। बरसात में दीवारों में सीलन हो जाती है। बुधवार को थोड़ी सी बारिश होते ही स्कूल की छतें टपकने लगीं। विद्यालय में पढ़ने के लिए पहुंचे बच्चे बरगद के नीचे बैठे थे, पानी बरसते ही उन्हें पंचायत भवन में शरण लेनी पड़ी। विद्यालय में 8:30 बजे तक शिक्षामित्र रन्नो देवी के अलावा अन्य कोई शिक्षक नहीं पहुंचा था।” चार लोगों का स्टाफ व 53 बच्चे हैं” प्राथमिक विद्यालय, ऐली में चार शिक्षकों का स्टाफ है। इसमें प्रधानाध्यापक श्रीपति द्विवेदी के अलावा एक सहायक अध्यापक अवध किशोर, दो शिक्षमित्र रन्नो देवी व मुकेश बाबू हैं। विद्यालय में कुल 53 छात्र-छात्राएं पंजीकृत हैं। इसमें कक्षा एक में 08 छात्र, कक्षा दो में 08 छात्र, कक्षा तीन में 12 छात्र, कक्षा चार में 15 एवं कक्षा पांच में 10 छात्र-छात्राएं हैं। बारिश के समय जगह-जगह से पानी टपक रहा है। इससे जर्जर भवन की छत गिरने की आशंका बनी हुई है। विभागीय अधिकारियों द्वारा जर्जर भवन को डैमेज घोषित कर नया भवन बनवाए जाने की सुध नहीं लिए जाने से अभिभावक चिंतित हैं। प्रधानाध्यापक श्रीपति द्विवेदी ने बताया कि भवन की पुरानी छत व दीवारों में दरारें हो गई हैं। बारिश होने पर उनसे पानी टपकने लगता है। छतों के कभी भी गिरने की आशंका बनी रहती है। बारिश के दिनों में सीलन के कारण कमरों में नमी और उमस महसूस की जाती है। बताया कि गांव के गरीब परिवार के छोटे-छोटे बच्चे जान जोखिम में डालकर पढ़ने के लिए विवश हैं। उन्होंने इस संबंध में उच्चाधिकारियों को अवगत करा दिया है। परंतु इस ओर अभी तक कोई ध्यान नहीं दिया गया है। शिक्षक अपने व बच्चों के भविष्य को लेकर चिंतित रहते हैं।

“अभिभावकों ने की नया भवन बनाने की मांग”

*बिधूना,औरैया।* अभिभावक सर्वेश राठौर, राधा किशन, गुड्डू सविता, रामदत्त, सुरेश चन्द्र, राकेश कुमार, रुप सिंह, राजू कठेरिया, अरविन्द चौहान ने कहा कि विद्यालय भवन की खस्ता हालत देखते हुए वह अपने बच्चों को लेकर खासा चिन्तित हैं। कहीं कोई दुर्घटना न हो जाए। उन्होंने जल्द से जल्द इस भवन को डैमेज घोषित कर यहां पर नए विद्यालय भवन का निर्माण कराने की मांग की है। बीएसए विपिन कुमार ने बताया कि इस मामले की जानकारी कर जल्द समस्या दूर की जाएगी। खड शिक्षा अधिकारी अवनीश कुमार ने बताया कि प्राथमिक विद्यालय, ऐली के जर्जर भवन का मामला संज्ञान में आया है। जल्द ही समस्या का समाधान किया जाएगा।

रिपोर्ट :-: आकाश उर्फ अक्की भईया संवाददाता