चीन और ताइवान इलेक्ट्रॉनिक्स और सेमीकंडक्टर निर्माण में सबसे बड़ी हिस्सेदारी रखते हैं. चीन के साथ हमारी तनातनी के बाद भारत ताइवान को विकल्प के रूप में देख रहा है.भारत के तमिलनाडु स्थित सेमीकंडक्टर मेन्यूफेक्चरिंग कंपनी पॉलीमैटेक राज्य में अपने चिपसेट मेन्यूफेक्चरिंग और पैकेजिंग सुविधा का विस्तार करने जा रही है।
इसके लिए $1 बिलियन (7,952 करोड़) का निवेश करेगी। इससे भारत की दूसरे देशों पर निर्भरता कम होगी और रोजगार के भी अवसर खुलेंगे।मोदी सरकार ने प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव स्कीम के जरिये सेमीकंडक्टर उत्पादन के लिए 75 हजार करोड़ रुपये देने की बात कही है, लेकिन इसे असर दिखाने में अभी समय लगेगा.
कंपनी ने अपने पहले वर्ष के उत्पादन क्षमता का निर्धारण कर लिए है। पॉलीमैटेक के संस्थापक अध्यक्ष नंदम ईश्वर राव ने कहा कि पहले वर्ष 250 मिलियन चिप्स बनाने का टार्गेट रखा गया है। कंपनी ने जल्द ही इसके उत्पादन शुरू करने को कहा है।मौजूदा हालात देखें तो हम अपनी जरूरत का 90 फीसदी सेमीकंडक्टर चीन और ताइवान से मंगाते हैं.
तमिलनाडु सरकार के साथ एक समझौता भी साइन किया गया है। राज्य में कंपनी का विस्तार करने के लिए 13 करोड़ डॉलर का निवेश किया गया है।अगर सेमीकंडक्टर का आयात प्रभावित हुआ तो इन सभी उत्पादों की मैन्युफैक्चरिंग पर असर पड़ेगा.