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धर्म की स्वतंत्रता के लिए देश का स्वतंत्र होना आवश्यक:आदित्य सागर महाराज

  • फ़ोटो: प्रवचन देते आचार्य आदित्य सागर जी महाराज
    जसवंतनगर(इटावा)। आजादी के अमृत महोत्सव के अवसर पर नगर में चातुर्मास कर रहे आचार्य
    आदित्य सागर जी ने स्वतंत्रता दिवस पर पार्श्वनाथ दिगंबर जैन मंदिर में अपने विशेष प्रवचन दिए। स्वतंत्रता के बारे में उन्होंने बताया कि स्वतंत्रता चार प्रकार की होती है। राष्ट्र की स्वतंत्रता, धर्म की स्वतंत्रता, मन की स्वतंत्रता, एवं आर्थिक स्वतंत्रता ।
    धर्म की स्वतंत्रता के लिए राष्ट्र की स्वतंत्रता होना आवश्यक है। जब देश स्वतंत्र होगा ,तभी सभी धर्म स्वतंत्रता से काम कर सकेंगे। राष्ट्र हमारी प्राथमिकता में सर्वोपरि होना चाहिए । हमें निष्ठा एवं ईमानदारी से देश के प्रति कर्तव्यपरायण होना चाहिए।
    जैन धर्म के सिद्धांतों पर चलते हुए हमें राष्ट्र एवं धर्म को मजबूत करना है । देश के प्रति समर्पित रहना है। इस दौरान आचार्य श्री ने देश में समृद्धि एवं खुशहाली की मंगल कामना की।