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चंबल की हुंकार भर्ती लहरों से तराई वाले गांवों का जनजीवन अस्त व्यस्त

चकरनगर,इटावा।* चंबल की हुंकार से कुछ गांवों का संबंध मुख्य मार्गों से टूटता जा रहा है जिससे ग्रामीणों की सांसें पुरानी यादें तरोताजा कराते हुए घबराहट पूर्ण दिखाई दे रही हैं,हालांकि प्रशासनिक अधिकारी चंबल की हुंकारी लहरों पर पूर्ण रूप से नजर बनाए हुए हैं,उनका यह मानना है कि किसी भी स्थिति से निपटने के लिए शासन और प्रशासन मुस्तैद है। *ग्रामीणों के हर मुसीबत में प्रशासन भागीदार रहने का दावा ठोक रहा है।इसी दावा रूपी ऑक्सीजन को लेकर ग्रामीण अपनी दिनचर्या को नित्य की भांति व्यतीत कर रहे हैं।* पिछले साल आई बाढ़ विभीषिका में चंबल की हुंकार भर्ती लहरों ने स्थानीय पत्रकार का मकान भी चौतरफा से घेर रखा था।
*हालांकि पिछले वर्ष की तुलना में* इस वर्ष अभी तो चंबल की हुंकार भर्ती तरंगे भय तो दिखा रहीं हैं,लेकिन अभी काफी दूर हैं।अबकी बार प्रशासन भी बदला और एकदम सक्रिय है।
*बताते चलें* कि पिछली वर्ष में बाढ़ की विभीषिका ने अपना वह तांडव दिखाया था कि जिसे देखकर हर एक की सांसें थम ही नहीं गई थीं टूट रही थीं और अब बस वही भयावना दृश्य हुंकार भरतीं चंबल की लहरों से आभास हो रहा है लेकिन प्रशासनिक अधिकारियों की चहल कदमी से ग्रामीणों में दम बंधा हुआ है।लोगों का मानना है कि यदि स्थिति कहीं बिगड़ती है तो प्रशासन जल मार्ग व वायु मार्ग से जन हानि को होने से बचाएगा।
*गत दिवस जिलाधिकारी अवनीश कुमार राय के दौरे से चंबल के किनारे बसे गांव में रहने वाले लोगों की इस समय हिम्मत बढ़ी है।* इसी के चलते तराई वाले यमुना और चंबल के गांवों में बाढ़ राहत चौकियां स्थापित की गई हैं,जो 24×7 घंटे सेवा में तत्पर हैं।हर खबर से प्रशासन को अपडेट कराया जा रहा है किसानों की जो फसल नेस्तनाबूद हुई है प्रशासन उसके लिए भी बंदोबस्त करेगा ऐसा लोगों का मानना है।
*स्थलीय जानकारी के अनुसार* गढा़कास्दा पंचायत के निभी गांव की रास्ता,भरेह पंचायत के तीन मजरा चकरपुरा,अम्दापुर,अचरौली मुख्य मार्गो से कटे हुए हैं हालांकि उनका आना-जाना किसी अन्य उच्च मार्गों से तो है लेकिन रोजमर्रा वाले रास्ते में पानी कहीं-कहीं पर तो सड़क पर 1 किलोमीटर तक भरा दिखाई दे रहा है। तहसील प्रशासन ने अवगत कराया है कि बाढ़ का असर सिर्फ 122 मीटर तक ही विस्तार कर पाएगा उससे ज्यादा की कोई संभावना नजर नहीं आ रही है इससे भी ग्रामीणों को काफी राहत मिली हुई है।
*सौजन्य से -एसबीएस चौहान*