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सैफई विश्वविद्यालय की साख पर सवाल???

सैफई । परमपिता परमेश्वर के बाद ब्रह्मांड में जीवन के लिए भगवान स्वरूप दूसरा स्थान डॉक्टर को दिया गया है। मेधावी विद्यार्थी को डॉक्टर बनने में अपने जीवन का आधे से अधिक वक्त लगता है। लेकिन जब मेडिकल की पढ़ाई कर रही किसी मेधावी की असमय मौत का मामला सामने आता है तो जीवन को झकझोर देता है। ऐसा ही एक मामला सैफई मेडिकल विश्वविद्यालय से पढ़ाई कर रही एमबीबीएस प्रथम वर्ष के दिव्यांग छात्र हिमांशु गुप्ता की संदिग्ध मौत का है जो सैफई ही नहीं पूरे उत्तर प्रदेश में चर्चा का विषय बना हुआ है। मृतक छात्र हिमांशु गुप्ता की मौत को विश्वविद्यालय प्रशासन आत्महत्या बता रहा है वहीं मृतक के परिजन हत्या बता रहे हैं।

विश्वविद्यालय में आत्महत्या की पुनरावृति
इस घटना से पूर्व भी विश्वविद्यालय में जूनियर डॉक्टरों के आत्महत्या की तीन चार बार पुनरावृति हो चुकी है। हर बार विश्वविद्यालय प्रशासन अपना पल्ला झाड़ लेता है किंतु मृतक जूनियर डॉक्टर हिमांशु की मां डॉक्टर सरिता इस घटना को हत्या ही बता रही हैं उनका कहना है कि मृत्यु के एक दिन पहले वीडियो कॉल पर अच्छे से बात हुई थी और हिमांशु को कोई परेशानी होती तो वह बताता। वहीं उन्होंने कहा कि मृतक के शरीर पर व गले पर चोट के निशान और एक जगह कटे का निशान था। मृतक की मां ने मुख्यमंत्री योगी से जांच की मांग की है।

मुख्यमंत्री योगी ने दिए जांच के आदेश

मृतक छात्र हिमांशु गुप्ता मुख्यमंत्री योगी के गोरखनाथ मंदिर परिक्षेत्र ज्ञान पुरम कॉलोनी का रहने वाला था। मृतक की मां डॉक्टर सरिता के आरोप व जांच की मांग पर मुख्यमंत्री ने 24 घंटे में निष्कर्ष के साथ जांच के आदेश इटावा डीएम एसएसपी को दिए हैं।
वहीं समाजवादी पार्टी ने भी इस मामले पर सरकार को आड़े हाथों लिया है।