*इटावा।* पोषक तत्व के प्रति जागरूकता फैलाने के उद्देश्य से अब ‘अपनी क्यारी-अपनी थाली’ अभियान 1-30 सितंबर तक पोषण माह में चलाया जाएगा।इस दौरान आंगनबाड़ी कार्यकर्ता अपने-अपने क्षेत्र में आंगनबाड़ी पोषक वाटिका के प्रति जागरूकता फैलाएंगी,साथ ही पोषक तत्वों से भरपूर पोषण वाटिका का आदर्श मॉडल भी प्रस्तुत करने का प्रयास करेंगी।
*प्रभारी जिला कार्यक्रम अधिकारी सूरज सिंह का कहना है* कि कुपोषण खत्म करने के लिए जनपद में सभी आंगनबाड़ी केंद्रों पर पोषण वाटिका बनाई जा रही है।जनपद में 1564 आंगनबाड़ी केंद्र है,और 1456 आंगनबाड़ी केंद्रों पर पोषण वाटिका को विकसित करने का लक्ष्य निर्धारित है।इसमें 1092 आंगनबाड़ी केंद्रों पर पोषण वाटिकाओं को विकसित किया जा चुका है।उन्होंने बताया कि जनपद की आंगनबाड़ी कार्यकर्ता अपने क्षेत्र में खाली जमीन के मालिकों से संपर्क कर रही हैं।साथ ही उत्साहित कर लोगों से नींबू,करौंदा,सहजन,पालक,हरी मिर्च और धनिया के पेड़ लगवा रही हैं।
*डीपीओ ने बताया* कि पोषण वाटिका विकसित कर अपनी क्यारी- अपनी थाली मुहिम को घर-घर तक पहुंचाना और कुपोषण को दूर करते हुए लोगों के लिए आर्थिक रूप से भी सहायक सिद्ध होंगी ये पोषण वाटिकाएं।उन्होंने बताया कि जनपद के सभी ब्लॉकों में पोषण वाटिकाएं अच्छे से विकसित की जा चुकी है लेकिन कुछ ब्लॉक व शहर में पोषण वाटिका अभी पूरी तरह से विकसित नहीं हो पाई है क्योंकि कुछ आंगनबाड़ी केंद्र किराए के भवनों में चलाए जा रहे हैं इसीलिए संबंधित अधिकारियों से जल्द से जल्द समन्वय स्थापित किया जाएगा और पोषण वाटिका के लिए भूमि को चिन्हित कर उन स्थानों पर बेहतर पोषण वाटिका विकसित की जाएंगी।
*शिवनारायण मढ़ैया आंगनबाडी मंजू यादव ने बताया* कि उन्होंने अपने आसपास के लोगों को जागरुक कर पोषण वाटिका के बारे में विस्तृत जानकारी दी और पोषण वाटिका के लिए बीज भी वितरित किए उसके बाद कुछ लोगों ने अपने घर के आस-पास पोषण वाटिका बना ली।इसी क्षेत्र की रहने वाली जूली ने बताया आंगनबाडी केंद्र से मुझे लौकी,कद्दू,करेला,धनिया, पालक के बीज दिए गए जिस के बाद मुझे इनको उगाने के संदर्भ में सारी जानकारी दी गई और आज मेरी पोषण वाटिका बनकर तैयार है जिससे मुझे बहुत लाभ हो रहा है क्योंकि सब्जी बहुत महंगी है इसलिए मेरे पैसे भी बच रहे हैं और साथ ही ताजी शुद्ध सब्जी का सेवन हम सब कर पा रहे हैं।
*जिला उद्यान अधिकारी सुनील कुमार ने बताया* कि घर के आस-पास थोड़ी सी भी जमीन है तो आप पोषण वाटिका विकसित कर सकते हैं पोषण वाटिका में लगी सब्जियां न सिर्फ आपको बिना पैसे के मिलेंगी बल्कि कीटनाशक रहित यानी पूरी तरह जैविक होंगी जो आप को कुपोषण से मुक्त कर सेहतमंद बनाएंगी।उन्होंने कहा कि शरीर के लिए आवश्यक संतुलित आहार का लंबे समय तक न मिलना ही कुपोषण है।उन्होंने बताया कि पोषण वाटिका के तहत कुछ पेड़-पौधे ऐसे हैं जिनको ज्यादा देख-रेख की आवश्यकता नहीं होती उन्हें आसानी से उगाया जाता है जैसे -सहजन,पपीता पालक,नीबू, लौकी,कद्दू,धनिया मेथी जैसे पौधों को उगाने के साथ-साथ औषधीय पौधे तुलसी,गिलोय,एलोवेरा,पुदीना को भी उगाया जा सकता है और अपनी क्यारी से अपनी थाली को सुपोषित बनाया जा सकता है।
*उन्होंने बताया* कि उनके द्वारा भी तीन आंगनबाड़ी केंद्र गोद लिए गए हैं, जिन पर बेहतर पोषण वाटिका विकसित करने के लिए मैं निरंतर प्रयासरत हूं साथ ही जनपद की आंगनबाड़ियों से अपील करता है कि अगर पोषण वाटिका के संदर्भ में किसी भी आंगनबाड़ी को कोई जानकारी चाहिए तो वह जिला उद्यान विभाग आकर मुझसे संपर्क कर जानकारी ले सकती है।