अंबेडकरनगर। कृषि प्रधान देश की अधिकांश आबादी ग्रामीण क्षेत्रों में निवास करती है। ऐसे में गांव की सामाजिक एवं आर्थिक उन्नति की कल्पना बिना अच्छी सड़कों के करना संभव नहीं है। अंबेडकरनगर जनपद का स्वरुप ग्रहण कर चुका वर्षो से अपनी उन्नती व विकास के सपने देख रहा है।ग्रामीण आबादी का सामाजिक-आर्थिक विकास में योगदान करते हुए, माल के बेहतर वितरण और सेवाओं, सुविधाओं और रोजगार के अवसरों तक पहुंच का मार्ग प्रशस्त करने में सड़कों महत्वपूर्ण योगदान होता है।
ग्रामीण क्षेत्र की खस्ताहाल सड़कें। इसके बावजूद आज तक ग्रामीण क्षेत्रों के हाथ कुछ नहीं लगा। ग्रामीण क्षेत्र को अगर कुछ मिला तो सिर्फ कोरा आश्वासन।
ग्रामीण क्षेत्रों की अधिकतर सड़कों पर गड्ढे व उखड़ी गिट्टियां वाहन व सवारियों के लिए घातक साबित हो रही हैं,लेकिन विभाग की ओर से इन जर्जर सड़कों की हालत को सुधारने के लिए कोई भी उचित कदम नहीं उठाया जा रहा हैं।जिसको लेकर ग्रामीण क्षेत्रों से लगातार लोक निर्माण विभाग पर भ्रष्टाचार के आरोप लग रहे हैं। एक-दो साल पूर्व बनी सड़कें आज उखड़ चुकी हैं। इसलिए हर क्षेत्र के लोग लगातार लोक निर्माण विभाग, जिला पंचायत विभाग पर भ्रष्टाचार के आरोप लगा रहे हैं।ऐसे में लोक निर्माण विभाग के कार्य पर लोग लगातार सवाल खड़े कर रहे हैं। भ्रष्टाचार को लेकर प्रशासन जीरो टालरेंस की नीति अपनाता है, लेकिन इसका असर जमीनी सतह पर नहीं दिख रहा। सड़कों के निर्माण कार्यो में होने वाली धांधली पर हर वर्ष लोग प्रश्नचिन्ह खड़ा करते हैं, कारण कि हर साल बारिश में सड़कें उखड़ जाती हैं।जिले की सड़कें खस्ताहाल हो गईं, कहीं सड़क पर गड्ढे नजर आ रहे हैं, लेकिन कहीं सड़क पर गड्ढे इतने अधिक हो गए हैं कि गिट्टी की समतल सड़क को गड्ढों के बीच खोजना पड़ रहा है, जिले के कई ग्रामीण क्षेत्रों में कही-कहीं गड्ढे इतने अधिक हो गए हैं कि सड़क ने तालाब का रूप ले लिया है। विकास की चुगली करती कई सड़कें तो लंबे अर्से से खराब हैं परंतु सुधार की ओर ध्यान नहीं दिया जा रहा है। लेकिन पीडब्ल्यूडी विभाग, जन प्रतिनिधि, अधिकारी और प्रशासन इन सड़कों की मरम्मत नहीं करा रहे हैं। आखिर इन ग्रामीण सड़कों की सुध कब लेगा प्रशासन …।