लखनऊ- कैसरबाग और आसपास के इलाकों में ट्रैफिक जाम लगने की वजहों की तलाश शुरू हो गई। शुरुआती जांच में सड़क के किनारे ठेले और खोमचे वाले निकले। मगर पुलिस के सर्वे में पाया गया है कि बस अड्डे के बाहर सड़क किनारे खड़े होने वाली खास तौर पर सीतापुर, हरदाई और बरेली जाने वाली रोडवेज बसें सर्वाधिक जिम्मेदार हैं।
कैसरबाग में छह रास्तों से रोजाना तीन लाख के करीब बाइक और कारें और बड़े वाहन गुजरते हैं। यहां दिन में 700 और पूरे 24 घंटे के दौरान 1300 रोडवेज बसों का आवागमन होता है। बुधवार को स्टेशन प्रबंधक की ओर से बसों से लगने वाले जाम के लिए सर्वे शुरू करते हुए चौराहे के आसपास निरीक्षण किया गया। इसमें कैसरबाग और अवध बस डिपो को छोड़कर दूसरे डिपो से कैसरबाग आने वाली सीतापुर, बरेली, हरदोई की बसें जाम की वजह बन रही है। इस संबंध में स्टेशन प्रबंधक ने अन्य डिपो के एआरएम को पत्र भेजकर अवगत कराया है।
अवैध वेंडिंग जोन-पार्किंग पर निगम से जवाब मांगा
शहर में वेंडिंग जोन,टेंपो-टैक्सी पार्किंग तय हैं। फिर भी अवैध वेंडिंग जोन, पार्किंग बनी हैं। मंडलायुक्त डॉ. रोशन जैकब ने नगर निगम से पूछा है कि जो चिह्नित जगह नहीं हैं,वहां अवैध कॉमर्शियल गतिविधियां क्यों हैं। उन्होंने इस पर कार्रवाई का निर्देश दिया है। निगम को अवैध पार्किंग, वेडिंग जोन पर कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। पुलिस को चिह्नित जगहों की सूची दी जाएगी, पटरी दुकानदारों, टेंपो चालकों का उत्पीड़न न हो।
स्टेशन के बाहर पार्किंग पर अब 2000 जुर्माना
सड़क पर बसों की पार्किंग में 2000 रुपये जुर्माने का प्रावधान सख्ती से लागू होगा। प्रबंधक पल्लव बोस ने सभी एआरएम से बसों की पार्किंग बस अड्डे में करने के निर्देश दिए हैं।