भारतीय रिजर्व बैंक ने ग्रामीण क्षेत्रों में ऋण आपूर्ति व्यवस्था को पूरी तरह से बदलने के लिए किसान क्रेडिट कार्ड को डिजिटल बनाने के लिए योजना शुरू की है.जल्द ही किसान क्रेडिट कार्ड की सभी सेवाएं डिजिटल होने जा रही हैं। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया अपने एक बयान में कहा है कि किसान क्रेडिट कार्ड के एंड टू एंड डिजिटलाइजेशन का प्रोजेक्ट शुरू हो चुका है।
आरबीआई ने एक बयान में कहा कि इस पायलट परियोजना से हासिल सबक को ध्यान में रखते हुए देशभर में किसान क्रेडिट कार्ड के डिजिटलीकरण का अभियान चलाया जाएगा.ये काम की सहायक संस्था रिजर्व बैंक इनोवेशन हब के द्वारा किया जा रहा है। इस योजना का उद्देश्य लोन बांटने की दर को कई गुना बढ़ाना है।
प्रोजेक्ट की शुरुआत इसी महीने की जाएगी। बैंक में केसीसी के तहत लोन देने की कई प्रक्रियाओं को ऑटोमेटिक और सिस्टम को सीधा सर्विस प्रोवाइडर से जोड़ दिया जाएगा। केसीसी डिजिटलाइजेशन का उद्देश्य लोन लेने वाले लोगों के लिए प्रक्रिया को आसान बनाना और लागत को कम करना है।पायलट परियोजना मध्य प्रदेश और तमिलनाडु के चुनिंदा जिलों में क्रमशः यूनियन बैंक ऑफ इंडिया और फेडरल बैंक के साथ चलाई जाएगी.
किसान क्रेडिट कार्ड स्कीम की शुरुआत 1998 में हुई थी। इसके तहत किसानों को कृषि संबंधित खर्चों की पूर्ति के लिए लोन उपलब्ध कराना है। KCC के जरिए लिए गए लोन से किसान अपनी फसल संबंधी जरूरतें, जैसे-बीज, उर्वरक आदि खरीदने के अलावा निजी जरूरतें भी पूरी करते हैं।