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कस्वे में स्थित रामजानकी स्कूल में धूमधाम से मनाया शिक्षक दिवस

सत्य न्याय के पाठ पर चलना, शिक्षक हमें बताते हैं. जीवन संघर्षों से लड़ना, शिक्षक हमें सिखाते हैं”

“निर्धन हो या धनवान, शिक्षक के लिए सभी एक सामान
शिक्षक माझी नाव किनारा, शिक्षक डूबते के लिए सहारा
शिक्षक का सदा ही कहना, श्रम लगन है सच्चा गहना”

जसवन्तनगर।कस्वे में स्थित रामजानकी स्कूल में धूमधाम से मनाया शिक्षक दिवस इसके अलावा क्षेत्र के सरकारी और निजी स्कूलों में शिक्षक दिवस धूमधाम से मनाया गया। स्कूलों में सांस्कृतिक कार्यक्रमों के अलावा अन्य प्रतियोगिताएं भी आयोजित की गई। वहीं छात्रों ने शिक्षक दिवस पर स्वयं शिक्षक बनकर कक्षाओं की जिम्मेदारी संभाली। छात्र-छात्राओं ने पूर्व राष्ट्रपति डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन को याद कर उनके आदर्शो पर चलने का संकल्प लिया। वहीं इस मौके पर छात्रों ने अपने गुरुजनों का आशीर्वाद लिया।
स्कूल में शिक्षक दिवस पर प्रधानाचार्य अभिषेक शुक्ला ने छात्रों को पूर्व राष्ट्रपति शिक्षाविद् डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन के जीवन के बारे में विस्तार से जानकारी दी।इस अवसर पर प्रबंधक शिवसागर शुक्ला,उपप्रबंधक अभिषेक शुक्ला,के अलावा स्कूली शिक्षक दीपक कुमार, सुघर सिंह बौद्ध, सतीश कुमार, हरगोविंद, सुनीता शर्मा, कुअर पाल,आमोद आदि मौजूद रहे।

*शिक्षक दिवस का महत्व,1962 में पहली बार मनाया गया था*

शिक्षक दिवस भारत के पूर्व राष्ट्रपति डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन के जन्मदिन के मौके पर मनाया जाता है। पहली बार शिक्षक दिवस साल 1962 में मनाया गया था जब डॉ. सर्वपल्‍ली देश के राष्ट्रपति के रूप में चुने गए थे। उनके बताए रास्ते पर चलने का संकल्प लिया गया।
5 सितंबर शिक्षक दिवस मनाया जाता है, हम हर साल इसी तारीख को शिक्षक दिवस के रूप में मनाते हैं, शिक्षक दिवस क्यों मनाया जाता है? शिक्षक दिवस 5 सितंबर को ही क्यों मनाया जाता है? इस दिन किसे व क्यों याद किया जाता, और इस दिन हमें कौन सा काम जरूर से करना चाहिए, आइये जानते हैं।

*शिक्षक दिवस क्या है*-हमारे जीवन में शिक्षकों को सबसे महत्वपूर्ण रोल है, क्योंकि वे हमें न सिर्फ किताबी ज्ञान देते हैं, बल्कि वे प्रैक्टिकली आने वाली चुनौतियों के लिए हमें जागरूक और तैयार भी करते हैं। देखा जाए तो हर वह इंसान शिक्षक है, जिससे आप नैतिक चीजें सीखने को पाते हैं। घर में मां बाप या बड़ा भाई बहन या कोई अन्य, स्कूल में टीचर, कॉलेज में प्रोफेसर यहां तक कि आप अपने सहपाठी से भी आए दिन सीखने को मिलता हैं, यह सभी शिक्षण का हिस्सा है। यह सीखने समझने की कला सालो साल से चली आ रही है, ऐसे में हम हमेशा से शिक्षण या शिक्षक के आसपास रहे हैं।शिक्षकों द्वारा दिए गए उचित ज्ञान को याद करने, उन्हें धन्यवाद कहने, उनकी सराहने करने के लिए इस विशेष दिन को चुना गया।

*शिक्षक दिवस 5 सितंबर को क्यों मनाया जाता है?*

हम जानते हैं कि भारत में शिक्षक दिवस को हर साल 5 सितंबर को मनाया जाता है। इस तारीख के पीछे विशेष कारण है, इस दिन सन् 1888 को स्वतंत्र भारत के दूसरे राष्ट्रपति डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन का जन्म हुआ था। वे दूसरे राष्ट्रपति होने के अलावा पहले उपराष्ट्रपति, एक दार्शनिक, प्रसिद्ध विद्वान, भारत रत्न प्राप्तकर्ता, भारतीय संस्कृति के संवाहक, शिक्षाविद और हिन्दू विचारक थे।उनका हमेशा से मानना था कि शिक्षा के प्रति सभी को समर्पित रहना चाहिए, निरंतर सीखने की प्रवृत्ति बनी रहनी चाहिए, जिस व्यक्ति के पास ज्ञान और कौशल दोनों हैं उसके सामने हमेशा कोई न कोई मार्ग खुला रहता है।