जसवंतनगर। नगर के प्रमुख जैन मंदिर श्री पार्श्वनाथ दिगंबर जैन मंदिर में आज अध्यात्म योगी आचार्य आदित्य सागर जी महाराज के चातुर्मासीय महोत्सव के अंतर्गत जलधारा महोत्सव बहुत ही धूमधाम से संपन्न हुआ। आज सुबह से ही जिन मंदिर में जलधारा महोत्सव के लिए लोगों का उत्साह दिखा ढोल नगाड़ों के साथ साधर्मी भगवान के जय घोष और जयकारे लगाते हुए पालकी यात्रा में चल रहे थे। सर्वप्रथम प्रातः श्री जी की पालकी यात्रा नगर के प्रमुख मार्गों जैन बाजार, कटरा पुख़्ता, बड़ा चौराहा होते हुए जैन मंदिर पहुंची। रास्ते में आचार्य श्री का एवं श्री जी का श्रद्धालुओं ने आरती उतारकर एवं चमर ढुलाकर स्वागत एवं अभिनंदन किया। मंदिर मैं बहुत ही भव्यता से कार्यक्रम हुआ सर्वप्रथम जिनेंद्र भगवान का अभिषेक, शांति धारा, पूजन एवं महा अर्घअर्पित किए गए।
आगामी कल्पद्रुम महामंडल विधान के संबंध में प्रकाश डालते हुए आचार्य श्री आदित्य सागर जी कहा सम्यक दर्शन प्राप्त करने के लिए हमें जिनेंद्र भगवान की भक्ति, अर्चना करनी चाहिए। सच्ची भक्ति भाव से समावशरण में बैठ कर आराधना करने से सातिशय पुण्य का बंध होता है।उनके बाद जलधारा हुई जिसमें पीत बस्त्रधारी इन्द्रो ने 5 प्रकार की धारा जिनेन्द्र भगवान के समक्ष डाली गयी। इस दौरान पूरा पंडाल भगवान के जयकरो से गूंज उठा।
कार्यक्रमों के पश्चात संध्या में आरती भक्ति एवं क्षमावाणी पर्व पर कुछ विशेष वक्ताओं ने अपने विचार रखें एवं पुरस्कार वितरण कार्यक्रम हुआ। कार्यक्रम को सफल बनाने में संपूर्ण चातुर्मास महोत्सव समिति एवं सकल दि. जैन समाज जसवंत नगर का सहयोग रहा।