भरथना,इटावा। वेद-शास्त्रों में उल्लिखित एक-एक शब्द समाज को अलौकिक प्रकाशवान बनाता है। इनका स्मरण व श्रवण प्रत्येक व्यक्ति को कुमार्ग से सद्मार्ग की ओर प्रेरित करता है।
उक्त बात आर्य समाज मन्दिर भरथना के तत्वाधान् में चल रहे पाँच दिवसीय 99वाँ भव्य वार्षिकोत्सव महायज्ञ एवं वेदकथा की अमृत वर्षा के दौरान आचार्य आनन्द पुरूषार्थी ने मौजूद श्रद्धालुओं से कही। उन्होंने कहा कि मंत्रों के उच्चारण में ऐसी शक्तियां विद्यमान हैं,जिनके माध्यम से हम ईश्वर को बहुत ही सरलता से प्राप्त कर सकते हैं। उन्होंने बताया कि ईश्वर कहीं दूर नहीं है, ‘‘नर ही नारायण है‘‘। इसलिए जीवन में मानव सेवा परमावश्यक है।
साथ ही आचार्य श्री पुरूषार्थी ने कहा कि समाज के प्रत्येक व्यक्ति को विभिन्न पर्वों, जन्मदिवस,पारिवारिक खुशियों के अवसर पर यज्ञ अवश्य करना चाहिये। इससे ईश्वरीय शक्तियों का आवाहन तो होता ही है, साथ ही वातावरण में फैला विषैलापन भी समाप्त होता है। ताकि हम शुद्ध वायु के माध्यम से साँस ले सकें। वहीं कुछ श्रद्धालुओं ने यज्ञ में पूर्णाहुति डालकर अपने आराध्य की स्तुति की। इस मौके पर प्रधान मूलचन्द्र आर्य,मंत्री मोहन आर्य,कोषाध्यक्ष ओमप्रकाश आर्य, उपप्रधान सत्यभान आर्य राजा,आर्य रामलखन यादव,राजकमल गुप्ता, सहित समस्त आर्य समाज के पदाधिकारियों की उपस्थिति उल्लेखनीय रही।