नरेन्द्र वर्मा
फिरोजाबाद जनपद मैं डेंगू बुखार का प्रकोप बढ़ता जा रहा है इस बीमारी से ग्रसित रोगियों की संख्या में निरंतर वृद्धि होती जा रही है आज सोमवार को लगभग 85 मरीज भर्ती किए गए हैं जिला अस्पताल परिसर में नवनिर्मित बिल्डिंग में डेंगू वार्ड मैं घर की मरीजों और उनके तीमारदारों का हाल बेहाल है वह उमस भरी गर्मी में रहने को विवश है जबकि स्वास्थ्य विभाग व्यवस्थाओं में सुधार होने का दावा कर रहा है लेकिन सारे दावे खोखले साबित हो रहे हैं
जिला अस्पताल में डेंगू रोग और वायरल फीवर से ग्रसित रोगियों की संख्या में लगातार वृद्धि हो रही है इन रोगियों में बच्चों की संख्या सर्वाधिक है डेंगू रोग से पीड़ित रोगियों के उपचार के लिए जिला अस्पताल परिसर में स्थित 100 सैया हॉस्पिटल के अलावा नवनिर्मित बिल्डिंग और टीवी अस्पताल मैं डेंगू वार्ड बनाए गए हैं जिनमें बच्चों को भर्ती कर उनका उपचार किया जा रहा है लेकिन नवनिर्मित बिल्डिंग में बनाए गए डेंगू वार्ड मैं भर्ती रोगी और उनके तीमारदार उमस भरी गर्मी में रहने को विवश हैं भर्ती रोगियों के तीमारदारों का कहना है कि चिकित्सक भी समय पर वार्ड में पहुंचकर रोगियों की देखभाल सही ढंग से नहीं कर रहे हैं नवनिर्मित वार्ड में भर्ती रोगी और उनके तीमारदारो को अव्यवस्था का सामना करना पड़ रहा है वार्ड में रोगियों को भर्ती करने के लिए डाले गए बेड योगियों की बढ़ती संख्या के मद्देनजर कम हैं एक बेड पर दो-दो बच्चे लेटें नजर आते हैं हवा के लिए पंखे भी लगे हैं परंतु इन पंखों की हवा रोगियों व उनके तीमारदारों चकना पहुंचकर बिल्डिंग की दीवार से टकराकर उमस भरी गर्मी का माहौल पैदा कर रहे हैं उमस भरी गर्मी से बचने के लिए रोगियों के तीमारदार कहीं बी एच डी तथा हाथ वाले पंखे सेवा करते नजर आ रहे हैं यही नहीं वार्ड में बच्चों को पहुंचाने के लिए स्ट्रेचर की भी व्यवस्था नहीं है तीमारदार बच्चों को गोदी में लेकर वार्ड में पहुंचने को विवश हैं जबकि स्टेचर से वार्ड में रोगियों को पहुंचाने के लिए सिलिप भी बनी हुई है लेकिन इस ओर स्वास्थ्य विभाग के किसी भी अधिकारी का ध्यान नहीं है यही नहीं चिकित्सक भी भर्ती रोगियों को देखने के लिए समय पर नहीं पहुंचते जिसके फलस्वरूप रोगी के तीमारदारों को उनकी प्रतीक्षा करनी पड़ती है वार्ड में भर्ती एक रोगी के तीमारदार जिसने अपना नाम प्रमोद बताया है वहां चिकित्सक के ना आने पर काफी परेशान था उसने बताया प्रातः 8:00 से ड्यूटी चेंज होने के बाद कोई भी चिकित्सक उसके बच्चे को देखने नहीं आया जब भी चिकित्सक से संपर्क किया जाता है और स्टाफ से अनुरोध किया जाता है तो उनका एक उत्तर होता है डॉक्टर साहब आ रहे हैं उसका कहना था चिकित्सक की आने की प्रतीक्षा मैं उसे करीब 1 घंटे का समय बीत गया 9:00 बज चुके हैं परंतु चिकित्सक नहीं आए इसी प्रकार वार्ड में भर्ती रोगियों तीमारदार एक महिला से प्रश्न किया गया कबाड़ में पंखे लगे हैं तब आप पंखों से हवा क्यों कर रही हो इस बार उसका उत्तर का पंखों की हवा नहीं लग रही है जिसको लेकर वह और उसका बच्चा परेशान है इसीलिए वह हाथ के पंखे से हवा कर रही है महिला का यह भी कहना था यह स्थिति मेरी ही नहीं कार्ड में भर्ती अन्य रोगियों और उनके तीमारदारों की भी है कुल मिलाकर वार्ड में अब अव्यवस्था के मध्य डेंगू से ग्रसित रोगियों का उपचार चल रहा है स्वास्थ्य विभाग द्वारा व्यवस्थाओं में सुधार करने के सारे दावे खोखले साबित हो रहे हैं