*औरैया।* गत 8 सितंबर 2022 को वादी सुरेश चन्द्र पुत्र बदन सिंह निवासी विक्रमपुर थाना अछल्दा जनपद औरैया द्वारा थाना अछल्दा में लिखित सूचना देकर बताया गया कि मेरा खाता सेन्ट्रल बैंक ऑफ इण्डिया सरांय बाजार अछल्दा में है, जिसमें करीब 6.6 लाख रुपये थे, परन्तु मेरे द्वारा खाता को चेक करने पर मात्र रु0 अब 1400 शेष बचे है, जबकि मेरे द्वारा अपने खाते से कोई लेन-देन नही किया गया है।उक्त घटना के सम्बन्ध में थाना अछल्दा में विभिन्न धाराओं के अलावा धोखाधड़ी की धारा में आरोपित शाखा प्रबन्धक सेन्ट्रल बैंक पंजीकृत कर विवेचना प्रारम्भ की गई।
उपरोक्त घटना का खुलासा करते हुए पुलिस कप्तान ने प्रेस वार्ता के दौरान पत्रकारों को बताया की उक्त घटना की गम्भीरता व बढ़ रहे साइबर अपराधों पर रोकथाम किये जाने एवं सख्त कार्यवाही किये जाने के दृष्टिगत पुलिस अधीक्षक औरैया चारु निगम द्वारा अपर पुलिस अधीक्षक औरैया शिष्यपाल के निर्देशन में व क्षेत्राधिकारी बिधूना महेन्द्र प्रताप सिंह के पर्यवेक्षण में एसओजी/सर्विलांस/साइबर टीम औरैया व थाना अछल्दा की संयुक्त गठित टीम का गठन किया गया तथा घटना के शीघ्र अनावरण के लिए निर्देशित किया गया। गठित पुलिस टीमों द्वारा घटना के अनावरण के लिए काफी लगनशीलता के साथ सम्बन्धित सभी सीसीटीवी कैमरे, बैंक स्टेटमेन्ट एवं सर्विलांस के माध्यम से अभियुक्तों को चिन्हित व पहचान हेतु मुखबिर भी मामूर किये गये थें आज दिनांक 22 सितंबर 2022 को सुबह समय करीब साढे 07 बजे सर्विलांस के इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्यों के आधार पर मुख्य अभियुक्त व उसके साथी को गठित पुलिस टीमों द्वारा योजनाबद्ध तरीके से आवश्यक घेराबन्दी कर तेहराजपुर बम्बा के पास से गिरफ्तार करने में महत्वपूर्ण सफलता प्राप्त की। गिरफ्तार अभियुक्तगण की जामा तलाशी से उक्त घटना से सम्बन्धित 1.25 लाख रुपये नगद, लैपटॉप, फिंगर स्कैनर व प्रिन्टर बरामद हुए। गिरफ्तार अभियुक्तो को पुलिस अभिरक्षा में लेते हुए चालान माननीय न्यायालय किया जा रहा है। पुलिस टीम द्वारा गिरफ्तार किये गये घटना के मास्टर माइन्ड कल्लू उर्फ अवधेश कुमार ने पूछतांछ में बताया कि वह अपने गांव दिलीपपुर में सेन्ट्रल बैंक की उप शाखा चलाता है। वादी सुरेश चन्द्र का खाता उसके पास था। खाते में अधिक पैसा होने पर मेरे द्वारा खाता सेन्ट्रल बैंक अछल्दा में स्थानान्तरित कराया गया।खाते में अधिक रुपयों को देखकर मेरे मन में लालच आ गया, जिसके लिए मैने अपने साथी सिन्टू उर्फ भूगर्भ सिंह निवासी बैशोली के साथ खाते से रुपयों को निकालने की योजना बनाई। मैने एक फर्जी सिम कार्ड व मेरे साथी सिन्टू द्वारा एक पुराने मोबाइल की व्यवस्था की गई। फिर हम लोगों ने बैंक के कर्मचारी को पैसों का लालच देकर वादी सुरेश चन्द्र के फर्जी हस्ताक्षर करके उनके खाते में वही फर्जी सिम नम्बर पंजीकृत कराकर एटीएम कार्ड का आवेदन किया गया। एटीएम को मेरे द्वारा बैंक से प्राप्त किया गया। उस एटीएम को मैने अपने साथी सिन्टू उर्फ भूगर्भ सिंह को देकर सारे रुपये कुछ दिनो के अन्तराल में जनपद के विभिन्न एटीएम से निकाल लिये गये। जिनका हम लोगों द्वारा आपस में बटवारा कर लिया गया। जो रुपये हमारे पास मिले है वो वही है शेष हम लोगों ने अपने निजी कार्यो में खर्च कर लिये है। पकड़े गए आरोपितो के आपराधिक इतिहास की जानकारी की जा रही है। गिरफ्तार करने वाली टीम में प्रमुख रूप से प्रथम टीम एसओजी प्रभारी प्रभात सिंह, उ0नि0 प्रवीन कुमार, कां0 दीपक कुमार, कां0 धर्मेन्द्र कुमार, कां0 विजय कुमार, कां0 अनुराग मिश्रा, कां0 सुबोध कुमार, कां0 प्रभातमणि त्रिपाठी, कां0 सिद्धार्थ शुक्ला, कां0 विजयकांत, कां0 ललित कुमार, कां0 भूपेन्द्र कुमार, कां0 सुभाष, कां0 धर्मेन्द्र शर्मा व कां0 विवेक यादव। एवं द्वितीय टीम में व0उ0नि0 महेन्द्र सिंह भदौरिया, उ0नि0 विशम्भर पाण्डेय, उ0नि0 अमर सिंह, कां0 उपेन्द्र सिंह आदि शामिल रहे।