कानपुर में एक बड़ा मामला सामने आया हैं जिसे सुनकर हर शख्स के रौंगटे खड़े हो गए हैं जहाँ दस लोगों का एक परिवार पिछले 17 महीने से आयकर अफसर की लाश के साथ रहता पाया गया।पत्नी की ओर से आयकर विभाग को की गई शिकायत पर जब स्वास्थ्य विभाग की टीम घर पहुंची तो मामले का खुलासा हुआ।
आयकर विभाग की सूचना पर पुलिस के साथ पहुंची मेडिकल टीम ने शव की जांच कर उसे मृत घोषित किया, तब भी परिवार उसे मृत मानने को तैयार नहीं था। देर शाम शव अंतिम संस्कार करने की हिदायत के साथ परिजनों को दिया गया।
अस्पताल प्रबंधन ने मृत्यु प्रमाणपत्र देते हुए विमलेश के शव को परिजनों के सुपुर्द कर दिया था। घर आने के बाद परिजन अंतिम संस्कार की तैयारी कर रहे थे तभी मां राम दुलारी ने विमलेश के दिल की धड़कन आने की बात कहकर अंतिम संस्कार करने से इनकार कर दिया।
तभी से माता-पिता उसके शव को घर के एक कमरे में रखकर देखभाल कर रहे थे। घर पर विमलेश की पत्नी मिताली के अलावा विमलेश के भाइयों सुनील, दिनेश के परिवार भी रह रहे हैं।अस्पताल से घर के रास्ते में परिजनों ने अस्पताल कर्मियों को एंबुलेंस से उतार दिया और शव लेकर गायब हो गए। कुछ देर में पुलिस ने उन्हें ढूंढ़ निकाला और अंतिम संस्कार कराया।