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मैनपुरी के सुदिती ग्लोबल एकेडमी में 30 सितम्बर से प्रेमभूषण महाराज जी के मुखारविंद से श्री राम कथा आयोजन

रिपोर्ट – राजनारायण सिंह चौहान                  लोकेशन – मैनपुरी उत्तर प्रदेश

मैनपुरी शहर में प्रेममूर्ति पूज्य श्री प्रेमभूषण महाराज जी के श्री मुख से श्रीराम कथा का आयोजन विद्यालय सुदिती ग्लोबल एकेडमी में होने जा रहा है। यह नौ दिवसीय श्रीराम कथा दिनांक 30 सितम्बर से प्रारंभ होकर 8 अक्टूबर तक चलेगी। परिसर में हर रोज दस हजार से अधिक लोगों के बैठने की व्यवस्था की जा रही है।

मैनपुरी जिले में नव दिवसीय भव्य श्रीराम कथा का यह प्रथम आयोजन है। विद्यालय के प्रधानाचार्य डा0 राम मोहन ने बताया कि सुदिती ग्लोबल एकेडमी, मैनपुरी के परिसर में 30 सितम्बर से प्रतिदिन अपरान्ह 3.30 बजे से 7 बजे तक श्रोतागण श्रीराम कथा का रसपान कर सकेंगे।

श्री रामचरित मानस की कथा के महत्व के बारे में बताते हुये विद्यालय के प्रधानाचार्य डा0 राम मोहन ने कहा कि श्रीराम कथा हमें जीवन का संयोजन करना सिखाती है। श्री राम कथा हमें बताती है कि त्याग का हमारे जीवन में क्या महत्व है और सत्य व परम सत्य क्या है, इन दोनों का जीवन में कैसे संयोजन किया जाए और उसके अनुकरण से जीवन कैसे सुन्दर एवं सुफल हो सकता है।

श्रीराम कथा का महत्व केवल धार्मिक कर्मकांड तक ही सीमित नहीं है वरन् जीवन के प्रत्येक क्षेत्र एवं परिस्थिति में राम कथा एक आदर्श व्यवहार का मार्ग हमें बताती है। एक भाई का भाई के प्रति, पुत्र का पिता के प्रति, पति का पत्नि के प्रति एवं राजा का प्रजा के प्रति, मित्र का मित्र के प्रति आदर्श व्यवहार कैसा हो यह सब राम कथा माध्यम से बहुत ही अच्छी तरह से समझा जा सकता है। रामकथा एवं मर्यादा पुरुषोत्तम प्रभु श्री राम का चरित्र, पारिवारिक समस्याएं, सामाजिक जिम्मेदारियों का महत्व समझाती है। इसलिये समकालीन सामाजिक परिवेश में जब पारिवारिक एवं सामाजिक बंधनों के कमजोर होने की आशंका नित्य ही बनी हुयी है, श्री राम कथा का श्रवण एवं मनन मानव मात्र के लिये आशा की एक प्रखर ज्योति के समान निरन्तर प्रवाहमान है।

देश विदेश में प्रसिद्ध श्रीराम कथा के सरस गायक प्रेममूर्ति पूज्य श्री प्रेमभूषण महाराज जी नौ दिवसीय श्रीराम कथा सुनाएंगे। मैनपुरी जिले में इस तरह की भव्य रामकथा का आयोजन कई वर्षों के बाद हो रहा है। इसको लेकर कथा स्थल सुदिती ग्लोबल एकेडमी में तैयारियां अपने अन्तिम चरण में हैं। विद्यालय परिसर में बने विशाल एवं आधुनिक कथा परिसर में 30 सितम्बर से 8 अक्टूबर तक सभी भक्तगण श्रीराम कथा का रसपान करेंगे। श्रीराम कथा में जुटने वाली भीड़ को देखते हुए कथा मण्डप में हर रोज 10 हजार लोगों के बैठने की व्यवस्था की गई है।

प्रेमभूषण महाराज के निजी सहायक श्री पीयूष पांडेय ने बताया कि हर रोज श्रीराम कथा का फेसबुक और यूट्यूब चैनल पर लाइव प्रसारण भी होगा। श्री प्रेमभूषण जी महाराज के जीवन वृतान्त के बारे बताते हुये पांडेय जी ने कहा कि भारत जननी समय-समय पर अपनी गोद में अनेक लालों को जन्म दिया करती है। इसी माँ ने भारत वर्ष के तीर्थराज प्रयाग में सन् 1969 की 21 जनवरी दिन मंगलवार को पूजनीय माता दुर्गावती देवी जी के अंक से श्रीरामचरितमानस को पूज्यपाद् तुलसीदास जी महाराज की भावान्जली में प्रस्तुत करने हेतु प्रेममूर्ति प्रेमभूषण जी महाराज को जन्म दिया। नियति क्या करानी चाहती है उसे ही पता है और वैसी ही रचना बनती चली जाती है। पूज्य श्री का बचपन ननिहाल में नितान्त अभावों में बीता। प्रारंभिक शिक्षा ननिहाल में पूर्ण कर महाराज श्री स्नातक की पढ़ाई करने कानपुर आ गये। स्नातक के बाद परास्नातक की पढ़ाई भी कानपुर से ही पूर्ण की। स्वभाव से परिपूर्ण पूज्यश्री 1989 में श्री अवध आ गये। यहीं से अनेक संत महापुरुषों के संपर्क में आये और सत्संगति मिलने पर धुन के पक्के पूज्य श्री प्रेमभूषण जी महाराज के रूप में सनातन जगत को एक रामकथाकार की प्राप्ति हई। उन्होंने कहा कि श्री प्रेमभूषण महाराज द्वारा सनातन संस्कृति के कल्याण के लिए, आम लोगों की भलाई के लिए और भारतीय समाज में संस्कारों के प्रसार के उद्देश्य से लगभग 30 वर्षों से महाराज कथा कर रहे हैं। अब तक दुनिया के 100 देशों के लोग प्रेमभूषण महाराज से जुड़े हुए हैं।

अन्त में विद्यालय के प्रधानाचार्य डा0 राम मोहन ने सभी आगंतुकों का आभार व्यक्त करते हुये कहा कि हम सभी का यह कर्तव्य है कि हम इस परम पावन रामकथा का अमृतपान स्वयं भी करें एवं अपने परिवारीजन, मित्र एवं संबंधियों को भी श्रीराम कथा के रसपान के लिये प्रेरित करें जिससे हम सभी का जीवन धन्य हो सके।