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बेसहारा विछिप्त मानसिकजनों को योग कराकर मानसिक संतुलन की एकाग्रता कराये- योगाचार्य धर्मेन्द्र प्रजापति

संवाददाता रिपोर्ट रायबरेली। गुरु गोरखनाथ की पावन धरती पर दूर दराज के रहने वाले अपनी मानसिक संतुलन खोकर, पथ भटकने वाले सभी असहाय लोगों के पथ का सहारा बनने वाले प्रातः बाबा राघव दास सेवाश्रम (कुष्ठ सेवाश्रम) द्वारा संचालित बेसहारा_मानसिक_मंदित_पुरुष_आश्रयगृह राजेंद्र नगर गोरखपुर के विछिप्त रूप से हुए मानसिक रोगियों को संजय जी के नेतृत्व में भगत सिंह जी जयंती पर योगाभ्यास कराकर योगाचार्य धर्मेन्द्र प्रजापति ने सभी को स्वास्थ्य जीवन की खुशियां बाटने का कार्य किये।

सभी मानसिको ने सर्वप्रथम ओमकार का ध्यान करते हुए करतल ध्वनियों की गूंज कर विभिन्न आसन प्राणायाम व मन की एकाग्रता के लिए ध्यान का अभ्यास किए तथा महादेव का जयकारा लगाते हुए ठहाके के साथ जोर जोर से हँसना शुरू किए ।
योगाचार्य धर्मेन्द्र प्रजापति जी का कहना है यदि इन मानसिको को प्रतिदिन सुबह योग ध्यान जप के साथ ताली वादन का अभ्यास कराया जाए और इन्हें खुले मन के साथ हंसाया जाए तो ऐसे असहाय मंदित बहुत जल्द स्वयं को ठीक कर अपने घर पर प्रस्थान कर सकते हैं।

उन्होंने सेवा आश्रयगृह के प्रबंधक से अपील की कि प्रतिदिन भोजन के पूर्व ही 5 मिनट तक सभी करतल ध्वनियों से ताली वादन करें फिर उसके बाद भोजन का सेवन करें जिससे उनके अंदर छुपी हुई ऊर्जा बाहर निकलने लगेगा और सभी नश नाड़ियों के संचार होने के कारण वो अपने सर्वत्र को प्राप्त कर सकते हैं।

योगाचार्य सभी जनपदवासियों से अपनी इच्छा जताई है कि योग को सभी के घरों में लाने के लिए वो निःशुल्क सेवा देकर युवाओं को योग विद्या से प्रशिक्षित करेंगे और उन्हें रोजगार देने का कार्य भी। ऐसे में प्रत्येक सुबह 4 से 6 बजे और 6 से 8 बजे तक महन्त दिग्विजयनाथ पार्क व पन्त पार्क में अपरिचितों को एकत्रित कर योग सिखाने का कार्य कर रहे हैं। आप भी वहाँ पहुचकर योग का सम्पूर्ण लाभ ले और सभी देशवासियों को शांति का संदेश दे। और अन्ततः बेसहारा मानसिक आश्रयगृह के संचालन करने वाले संजय जी ने सभी को धन्यवाद अर्पित किए।