अजीतमल कस्बे के जमुना प्रसाद पार्क में दो दिवसीय राम लीला के दूसरे दिन धनुष भंग के आयोजन का शुभारंभ उपजिलाधिकारी अजीतमल अखिलेश कुमार सिंह द्वारा भगवान की आरती के उपरांत हुआ इस दौरान उन्होंने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि राम लीला जैसे सांस्कृतिक आयोजन देश की सामाजिक धरोहर हैं इनसे सामाजिक शिक्षा के स्वस्थ मनोरंजन मिलता है आज की युवा पीढ़ी को ऐसे आयोजनों से सीखना चाहिए ।
अजीतमल कस्वे के जमुना प्रसाद पार्क में चल रही दो दिवसीय रामलीला महोत्सव के दूसरे दिन परशुराम लक्ष्मण संवाद का आयोजन हुआ कार्यक्रम में हास्य कलाकार अंकुर मिश्रा और नृत्य कलाकारों में पलक, रितु ने दर्शकों को जमकर आनंदित किया वही प्रदुम्म तिवारी ने जनक
विलाप से दर्शकों को भावुक कर दिया धनुष टूटने के बाद परशुराम – लक्ष्मण संवाद शुरू हुआ। जब प्रभु श्रीराम भगवान शिव का धनुष तोड़ देते हैं तो इसकी सूचना परशुरामजी को मिलती है और वे क्रोधित होते हुए जनक की सभा में आ धमकते हैं। वे राम को भला बुरा कहने पर लक्ष्मण से रहा नहीं जाता और फिर वे परशुराम का मजाक उड़ाते हुए उन्हें कटु वचनों बोलते है इस संवाद में शील, क्रोध, संयम और वीरता का बखान होता है। बाद में श्रीराम लक्ष्मण का क्रोध शांत करते हैं।
परशुरामजी का भयानक वेष देखकर सब राजा भय से व्याकुल हो उठ खड़े हुए और पिता सहित अपना नाम कह-कहकर सब दंडवत प्रणाम करने लगे। राम लीला में राम जी की भूमिका में फतेहपुर के मनीष शुक्ला , लक्ष्मण की भूमिका में कानपुर के राम जी पाण्डेय , परशुराम की भूमिका में राजू मिश्रा शोभन सरकार , रावण की भूमिका में शिवम द्विवेदी पचलख , बाणासुर की भूमिका मे सतीश शुक्ला फतेहपुर , के अलावा राजू अवस्थी कुरारा हमीरपुर, अनिल मिश्रा , जयपाल सिंह सेंगर घाटमपुर ने किया ने अभिनय किया कार्यक्रम की व्यवस्था में आयोजन समिति के प्रदीप मिश्रा, प्रमलेश दुबे, शिव महेश दुबे, विश्राम सिंह गुर्जर , विमल पांडे , अंशुल पांडे, लला ठेकेदार , अमित दुबे का विशेष सहयोग रहा ।