बकेवर- इटावा । सेटेलाइट से निगरानी व प्रशासन की सख्ती के बावजूद किसान लगातार खेतों में पराली जलाकर प्रदूषण फैला रहे हैं। जबकि, कृषि विभाग और स्थानीय प्रशासन द्वारा धान की कटाई के बाद अवशेष न जलाने के लिए जागरूकता कार्यक्रम चलाए जा चुके हैं, लेकिन कुछ किसान इन जागरूकता कार्यक्रमों की धज्जियां उड़ाने से पीछे नहीं हट रहे हैं। धान की कटाई के बाद गेहूं की बुआई के लिए किसान खेत में पराली जला रहे हैं।
किसानों ने व्यापक स्तर पर धान की फसल उगा रखी है। धान की कटाई का काम अंतिम चरण पर है। किसानों को धान कटते खेतों में गेहूं फसल की बुआई करनी होती है। इसलिए किसान धान की पराली को खेत से उठाने के बजाए वहीं पर जला देते हैं। जिससे पर्यावरण प्रदूषण लगातार बढ़ रहा है। पराली जलाने की घटनाओं पर अंकुश लगाने के लिए सेटेलाइट से भी निगरानी की जा रही है। इसके बावजूद जिले में किसी न किसी गांव में पराली धड़ल्ले से जलाई जा रही है। जबकि, लेखपालों को अपने क्षेत्र में नजर रखने के सख्त निर्देश हैं।