केंद्र सरकार ने संसद के शीतकालीन सत्र में बड़े आर्थिक सुधारों को टालने और छोटे सुधारों की ओर कदम बढ़ाने का फैसला किया है। आज से शुरू हो रहे शीत सत्र में सरकार ने अंतरराज्यीय सहकारी समिति संशोधन, ट्रेड मार्क संशोधन, मध्यस्थता संशोधन और राष्ट्रीय दंत आयोग बिल समेत 16 विधेयकों को संसद की मंजूरी दिलाने की तैयारी की है।
सरकार आर्थिक क्षेत्र में सुधार की प्रक्रिया धीमी नहीं होने देना चाहती। इसी के मद्देनजर सरकार तीन अहम बिल पेश करने की तैयारी में है। इनमें अंतर्राज्यीय सहकारी समिति संशोधन बिल के जरिए सरकार सहकारिता के क्षेत्र में पुराने कानूनों को खत्म कर इस क्षेत्र में व्यापक सुधार लाना चाहती है। इसी कड़ी में ट्रेड मार्क संशोधन बिल बेहद अहम है।
मसौदा तैयार न होने और विमर्श की प्रक्रिया पूरी नहीं होने के अलावा बेहतर तैयारी के अभाव के कारण सरकार ने अहम बिल को बजट सत्र में पेश करने का मन बनाया है। सरकार के एक मंत्री के मुताबिक बैंकिंग क्षेत्र में तेजी से निजीकरण और डेटा सुरक्षा के साथ ही इंश्योरेंस संशोधन बिल बेहद अहम है। इनमें बैंकिंग संशोधन बिल का अब तक ड्राफ्ट तैयार नहीं हो पाया है, जबकि डेटा सुरक्षा बिल पर विमर्श अंतिम चरण में है। इंश्योरेंस संशोधन बिल का ड्राफ्ट तैयार हो गया है, मगर इस पर विमर्श का काम अभी पूरा नहीं हो पाया है।