फोटो:- एक प्रमुख दावेदार प्रत्याशी का माला डालकर और मिठाई बांटकर स्वागत करते मुस्लिम बस्ती के लोग
जसवंतनगर (इटावा)। निकाय चुनाव की अधिसूचना अभी जारी नहीं हुई है, मगर दावेदार प्रत्याशियों ने बाकायदा अपना चुनाव प्रचार आरंभ कर दिया है।
उम्मीद है कि भारतीय जनता पार्टी अपनी टिकट पर प्रदेश भर में प्रत्याशी उतारेगी।समाजवादी पार्टी पहले ही प्रदेश भर में अपने प्रत्याशी उतारने की घोषणा कर चुकी है।
जसवंतनगर नगर पालिका चुनाव सपा के लिए काफी प्रतिष्ठा पूर्ण होने वाला है, क्योंकि हाल ही में हुए मैनपुरी लोकसभा उपचुनाव में समाजवादी पार्टी प्रत्याशी डिंपल यादव को जसवंत नगर कस्बे से अच्छी खासी लीड मिली थी। भाजपा के लिए सत्ता में होते हुए भी यह प्रतिष्ठा को धक्का पहुंचाने वाली बात थी। क्योंकि भाजपा के प्रत्याशी रघुराज सिंह शाक्य जसवंत नगर के ही निवासी थे।
लोक सभा उप चुनाव के ठीक बाद ही निकाय चुनाव की दस्तक है, इसलिए भारतीय जनता पार्टी अपनी पूरी ताकत झोकने वाली है। मगर शुरू से ही जसवन्तनगर समाजवादी पार्टी का गढ़ रहा है, पिछले कई चुनावों से यहां पालिका अध्यक्ष समाजवादी पार्टी से जुड़ा व्यक्त ही बनता आया है। इसलिए समाजवादी पार्टी यहां की कुर्सी पर कब्जा जमाने में कोई कोर कसर नहीं रखेगी।
अधिसूचना भले ही जारी ना हुई हो, मगर जसवंत नगर में टिकट के दावेदारों ने अपना चुनाव प्रचार शुरू कर दिया है। कुछ प्रत्याशी तो बाकायदा मोहल्लों में जा रहे हैं और वहां उनके स्वागत के कार्यक्रम, संपर्क अभियान के दौरान शुरू हो गए हैं। सोमवार रात एक मुस्लिम बस्ती में सपा टिकट के दावेदारों में एक भागीरथ यादव ने संपर्क किया, जहां उनका लड्डू बांटकर और मालाएं पहनाकर जोरदार स्वागत किया गया।
एक मुस्लिम प्रत्याशी ने डिंपल की जीत और अपनी टिकट पक्की मानते हुए बताते हैं कि कई हजार रुपए के रसगुल्ले अभी 3 दिन पहले बटवा भी दिए।
जसवंतनगर कस्बा आबादी के हिसाब से यादवों और मुसलमानों का गढ़ है।यहां समाजवादी पार्टी की अच्छी पैठ भी है, इसलिए सपा टिकट के दावेदारों की संख्या सर्वाधिक है। कई तो इस समय लखनऊ में मौजूद सपा विधायक शिवपाल सिंह यादव के चौखट पर दस्तक दे आए हैं, और कुछ उन तक पहुंच बना रहे हैं, क्योंकि यहां की सपाई टिकट का फैसला उनके हाथों में ही है।
जसवंतनगर में इन दिनों चौपालों, चौराहा और दुकानों पर बस पालिका चुनाव की ही चर्चा है। विभिन्न वार्डों के सभासदों के नाम भी उभर रहे हैं। समाजवादी पार्टी टिकट के लिए लगभग 20 से ज्यादा नाम सामने आये हैं।
इन नामों में दो दावेदार श्रीपति यादव, विमलेश यादव पहले पालिका अध्यक्ष रह चुके हैं। उनके अलावा चार – पांच बार तक पालिका सभासद रह चुके राजीव यादव, शहाबुद्दीन कुरेशी पार्टी से दावेदार हैं। ये चार दावेदार तो यह है, इनके अलावा नगर प्रसपा के निवर्तमान अध्यक्ष राहुल गुप्ता, दो वर्षों से धुआंधार प्रचार में जुटे भागीरथ यादव करू, मोहन गिरी बाबा भी शामिल हैं।पी एल फार्म परिवार के मनोज गोपी यादव युवा चेहरे के रूप में टिकिट की पूरी कोशिश में हैं। महिला दावेदार कल्पना पांडेय,जो राहुल गुप्ता के एडीकांट विनय पांडे की पत्नी हैं, लाइन में लगी हैं। प्रसपा के निवर्तमान जिला सचिव जितेंद्र उर्फ मोना यादव भी कसकर दावेदारी ठोके हैं।
मुस्लिम दावेदारों में रफीक टाल वालों के बेटे हाजी शमीम उर्फ पप्पू हाजी, पालिका के पूर्व उपाध्यक्ष हाजी मोहम्मद अहसान, मंडी के प्रमुख सब्जी आढ़ती और दोनो पैरों से विकलांग मोहम्मद नवी के नाम भी जोरदारी से चले हैं।
दूसरी ओर एक नाम मुलायम परिवार की बेटी-दामाद का भी तेजी से उभर कर सामने आया है।वैश्य समाज के प्रमोद पप्पू माथुर भी इन दावेदारों में शामिल है।
इस तरह करीब डेढ़ दर्जन प्रमुख लोग सपा -प्रसपा की एकता से अपने को सायकिल निशान मिलने पर अवश्यंभावी पालिका अध्यक्ष की कुर्सी पर बैठना मान चुके हैं।
इतने लोगों के एक साथ टिकट दावेदारी करने सपा यानी शिवपाल के सामने विकट स्थिति पैदा हो गई है कि किसे टिकिट दें या नहीं दे?क्योंकि सभी एक से बढ़कर एक हैं। टिकिट को लेकर विद्रोह की स्थिति पैदा होने पर पार्टी के अधिकृत उम्मीदवार की हालत खतरे में पड़ने की संभावना भी एक मुद्दा है। इस तरह सपा की टिकिट पार्टी के गले की फांस भी बनने वाली है।
*वेदव्रत गुप्ता