देश के मसलों का हल ढूंढने में लगातार नाकाम रहने के बाद अब पाकिस्तान की शहबाज शरीफ सरकार घिसे-पिटे तरीके पर उतर आई है। उसने फिर उन्हीं आरोपों का सहारा लिया है, जो राजनीतिक संकट के दौरान जनता को भरमाने के लिए पाकिस्तान के राजनेताओं का जाना-पहचाना तरीका रहा है।
आर्थिक के साथ-साथ आतंकवाद के मोर्चे पर भी बेअसर साबित हो रही शहबाज शरीफ सरकार ने अब आतंकवादी कार्रवाइयों का दोष भारत पर मढ़ा है। लेकिन उसने इस बारे में कोई साक्ष्य सार्वजनिक नहीं किया है।
पाकिस्तान के गृह मंत्री राना सनाउल्लाह ने मंगलवार को यह दावा किया कि पिछले साल लाहौर में हुए बम धमाके में भारतीय एजेंसी रिसर्च एंड एनालिसिस विंग (रॉ) का हाथ होने का पाकिस्तान सरकार को ‘अकाट्य सबूत’ मिला है।
पाकिस्तान सरकार का दावा है कि उस सिलसिले में तीन ‘आतंकवादी’ गिरफ्तार किए गए। उनसे पाकिस्तान की जांच एजेंसियों को कथित सबूत हासिल हुए।
पाकिस्तान में आतंकवाद फैलाने में वह शामिल पाया गया है।’ विश्लेषकों के मुताबिक इस तरह आम इल्जाम लगा कर सनाउल्लाह ने अपनी दलील को और कमजोर कर दिया है। सनाउल्लाह ने ये आरोप एक प्रेस कांफ्रेंस में लगाए, उनके साथ पंजाब प्रांत के काउंटर टेररिज्म डिपार्टमेंट के अतिरिक्त आईजी इमरान महमूद भी मौजूद थे।